पीर-फकीर-मौलवी-साधू अल्ला का दीदार करेंगे
हम-तुम तो पैसे के जोगी आओ दो के चार करेंगे
पैसा-पैसा चुन कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
छोड़ो मंदिर छोड़ो मस्जिद कौन भला जाये गिरजाघर
सत्ताघर में ही सत्ता है ,सट्टा घर में ही है ईश्वर
लक्ष्मी का पत्ता धर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
महानीन्द जाने कब आके भवसागर में नाव लगाले
मगर खुली हैं जब तक आँखे तब तक तो आ माल बनाले
सफल मनोरथ तू कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
घूँघट के पट खोलेगी तो सिर्फ पिया की झलक मिलेगी
शेयर खाता खोल सजनिया लाखों की कल खनक मिलेगी
दिखला पति को तेवर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
हम-तुम तो पैसे के जोगी आओ दो के चार करेंगे
पैसा-पैसा चुन कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
छोड़ो मंदिर छोड़ो मस्जिद कौन भला जाये गिरजाघर
सत्ताघर में ही सत्ता है ,सट्टा घर में ही है ईश्वर
लक्ष्मी का पत्ता धर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
महानीन्द जाने कब आके भवसागर में नाव लगाले
मगर खुली हैं जब तक आँखे तब तक तो आ माल बनाले
सफल मनोरथ तू कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
घूँघट के पट खोलेगी तो सिर्फ पिया की झलक मिलेगी
शेयर खाता खोल सजनिया लाखों की कल खनक मिलेगी
दिखला पति को तेवर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
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