माना जीवन में आवश्यक ,करना थोड़ा धरम-करम है
पर ये धंधा भी तो भैया देखो कितना गरम-गरम है
धर्मो-करम समझ कर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
सब्जी-मंडी होती प्यारी पर मछली-बाज़ार निराला
मार्केट तो ढेरों होते,पर शेयर बाज़ार निराला
इस मंडी में घुस कर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
एक था राजा एक थी रानी दोनों मर गए ख़तम कहानी
शेयर की नैया जब तैरे नदिया कभी न सूखे पानी
शाश्वत कथा-ए-शेयर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
जैसे महंगाई बढती है चढ़ती गुड्डी आसमान पर
शेयर भी ऐसे चढ़ता है जैसे लोटन चढ़े कबूतर
सोना-मस्त-कबूतर लेना, जैसे भी हो शेयर लेना।
पर ये धंधा भी तो भैया देखो कितना गरम-गरम है
धर्मो-करम समझ कर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
सब्जी-मंडी होती प्यारी पर मछली-बाज़ार निराला
मार्केट तो ढेरों होते,पर शेयर बाज़ार निराला
इस मंडी में घुस कर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
एक था राजा एक थी रानी दोनों मर गए ख़तम कहानी
शेयर की नैया जब तैरे नदिया कभी न सूखे पानी
शाश्वत कथा-ए-शेयर लेना जैसे भी हो शेयर लेना।
जैसे महंगाई बढती है चढ़ती गुड्डी आसमान पर
शेयर भी ऐसे चढ़ता है जैसे लोटन चढ़े कबूतर
सोना-मस्त-कबूतर लेना, जैसे भी हो शेयर लेना।
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