Tuesday, February 8, 2011

शेयर खाता खोल सजनियाँ 20

भरे तिजोरी भरती जाये बहता जाये धन का दरिया
जिस पर बांध कभी ना बनता शेयर है एक ऐसी नदिया
है ये सदा सरोवर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
असंतुष्ट जब दल में होते कुर्सी दूर खिसक जाती है
पर संतुष्ट सभी रहते हैं शेयर की जब बू आती है
कुर्सी का बीमा कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
मैदाने-जग में आया तो कदम ताल से क्या कतराना
सट्टा- आश्रम का बन जोगी रकम माल से क्या घबराना
बंद गठरिया छक कर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।
मनभावन सौगात अनोखी ये तो ऊपर की तनखा है
शीश नवा कर लेलो इसको ये प्रसाद "मनमोहन"का है
सरकारी है मेहर लेना,जैसे भी हो शेयर लेना।

No comments:

Post a Comment

शोध

आपको क्या लगता है? शोध शुरू करके उसे लगातार झटपट पूरी कर देने पर नतीजे ज़्यादा प्रामाणिक आते हैं या फिर उसे रुक- रुक कर बरसों तक चलाने पर ही...

Lokpriy ...