पहले लड़के [अब उसे राजकुमार नहीं कहा जा सकता था, क्योंकि वह अपनी मेहनत से कुछ कमा कर लाया था] ने बताया कि जब वह एक सड़क से गुज़रा तो भीतर एक मकान से कराहने की आवाज़ आ रही थी। वह अन्दर गया तो उसने एक बीमार बुज़ुर्ग को अकेले लेटे पाया। बुज़ुर्ग ने कहा- घर के सब लोग काम पर चले जाते हैं, दिन भर अकेले पड़े रहने से मेरा स्वास्थ्य नहीं सुधरता। लड़का वहीँ रह गया। वह बुज़ुर्ग को रोज़ चुटकुले सुनाता, महाशय हँसते-हँसते लोटपोट हो जाते। सप्ताह भर में वह ठीक हो गए, उन्होंने लड़के को पुरस्कार के तौर पर कुछ धन दिया।
दूसरा लड़का एक बगीचे के करीब से गुज़रा तो उसने देखा कि एक महिला ढेर सारे गन्ने लिए बैठी है। पूछने पर उसने बताया कि इतनी मेहनत से खेत में यह गन्ने उगाये, पर इस शहर की भागम-भाग में किसी के पास इन्हें खाने की फुर्सत ही नहीं है, दिन भर ऐसे ही बैठना पड़ता है। लड़के ने उसकी बात ध्यान से सुनी और कहीं से रस निकालने की एक मशीन ले आया। अब दोनों मिल कर मशीन चलाते और आते-जाते लोग शाम तक उनके सब गन्ने ख़त्म कर देते। खूब आमदनी होती, लड़के को भी भरपूर हिस्सा मिलता। [...जारी]
दूसरा लड़का एक बगीचे के करीब से गुज़रा तो उसने देखा कि एक महिला ढेर सारे गन्ने लिए बैठी है। पूछने पर उसने बताया कि इतनी मेहनत से खेत में यह गन्ने उगाये, पर इस शहर की भागम-भाग में किसी के पास इन्हें खाने की फुर्सत ही नहीं है, दिन भर ऐसे ही बैठना पड़ता है। लड़के ने उसकी बात ध्यान से सुनी और कहीं से रस निकालने की एक मशीन ले आया। अब दोनों मिल कर मशीन चलाते और आते-जाते लोग शाम तक उनके सब गन्ने ख़त्म कर देते। खूब आमदनी होती, लड़के को भी भरपूर हिस्सा मिलता। [...जारी]
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