किसी भी इंसान के जीवन में पिता होने का अर्थ क्या है, यह शायद सब समझते हैं। हाँ, अभी हम चिड़ियों की बात नहीं कर रहे, क्योंकि किसी भी चिड़े के युवा होने तक उसका पिता इतनी दूर चला जाता हैं, कि माँ - चिड़िया उसकी सूरत भी बच्चे को दिखा नहीं पाती। खैर, चिड़िया का बच्चा पिता की सूरत देखने को लालायित भी नहीं होता, क्योंकि इंसान की तरह किसी भी चिड़े का पिता उसे अपने पंख ट्रांसफर नहीं कर सकता। हर चिड़े - चिड़िया को अपने पंखों से ही उड़ना होता है।
पिताओं के पास फंड ट्रांसफर से लेकर परिवार के टाइटिल ट्रांसफर तक का अधिकार होने पर भी दुनिया का हर इंसानी बच्चा अपने पिता से संतुष्ट नहीं देखा गया। हाँ, महाशय ओबामा जैसे महान, सफल और लोकप्रिय पिता इस बात को बच्चों का दुर्भाग्य नहीं मानते, क्योंकि उनका मानना है कि किसी फूल से उसकी खुशबू ज्यादा महान है। वह दूर तक पहुँचती है, और ख़त्म होते ही फूल की साख भी गिरा देती है। वे बच्चे , जिन्हें पिता या पिता का साया नहीं मिला, इस बात को सीने से लगा कर रखेंगे। शायद इस से उन्हें "पिता की धूप" सहने की शक्ति मिले।
पिताओं के पास फंड ट्रांसफर से लेकर परिवार के टाइटिल ट्रांसफर तक का अधिकार होने पर भी दुनिया का हर इंसानी बच्चा अपने पिता से संतुष्ट नहीं देखा गया। हाँ, महाशय ओबामा जैसे महान, सफल और लोकप्रिय पिता इस बात को बच्चों का दुर्भाग्य नहीं मानते, क्योंकि उनका मानना है कि किसी फूल से उसकी खुशबू ज्यादा महान है। वह दूर तक पहुँचती है, और ख़त्म होते ही फूल की साख भी गिरा देती है। वे बच्चे , जिन्हें पिता या पिता का साया नहीं मिला, इस बात को सीने से लगा कर रखेंगे। शायद इस से उन्हें "पिता की धूप" सहने की शक्ति मिले।
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