राजा का लड़का जब थोडा बड़ा हो गया, तो उसके दिल में भी आया, कि अब मेरी भी कोई सवारी हो। जैसे मेरे पिता नगर की सड़कों पर हाथी पर बैठ कर निकलते हैं, जैसे मेरी रानी माँ बग्घी में बैठ कर निकलती हैं, वैसे ही मेरे पास भी तो कुछ हो। उसने इस बारे में अपने पिता के आगे कोई मांग रखने से पहले अपने गुरु से सलाह लेना उचित समझा।
गुरूजी ने कहा-"जब तक तुम्हारे पिता यहाँ के राजा हैं, तब तक तुम्हारे पास कोई विशेष काम तो है नहीं, तुम एक टट्टू लेलो।"
राजकुमार को बात कुछ जँची नहीं। उसने अपने मित्रों से सलाह करने की बात सोची। मित्रों ने कहा- "तुझे कौन सा कहीं जाना है, हमें तो शहर में मस्ती करते हुए ही घूमना है, तू एक खच्चर लेले।"
राजकुमार को सलाह जमी नहीं, उसने सोचा, क्यों न मैं अपनी बहन, राजकुमारी से पूछूं। राजकुमारी ने उसकी बात सुनते ही कहा- "इसमें सोचना क्या है, गधा ले डाल , तुझपे तो वही जमेगा।"
असंतुष्ट राजकुमार अपनी माँ के पास गया। रानी माँ ने कहा-"ये सब तो यहीं मिल जाते हैं, तू तो अपने पिता से कह कर दूर देश से बढ़िया सा ज़ेबरा मंगवाले, शान से उस पर घूमना।"
राजकुमार कुछ सोचता हुआ लौट ही रहा था, कि रास्ते में उसे एक घोड़ा मिला। घोड़े पर एक सैनिक का लड़का बैठा था। राजकुमार ने लड़के से पूछा- "तुम इस घोड़े पर सवारी क्यों कर रहे हो?" लड़का बोला-"मैं न तो किसी से कुछ पूछ कर कोई चीज़ खरीदता हूँ, और न ही खरीदने के बाद सोचता हूँ कि यह मैने क्यों खरीदी"।कह कर लड़का चल दिया।
राजकुमार ने तुरंत अपने पिता से उसके लिए एक शानदार अरबी घोड़ा खरीदने की फरमाइश कर डाली।
गुरूजी ने कहा-"जब तक तुम्हारे पिता यहाँ के राजा हैं, तब तक तुम्हारे पास कोई विशेष काम तो है नहीं, तुम एक टट्टू लेलो।"
राजकुमार को बात कुछ जँची नहीं। उसने अपने मित्रों से सलाह करने की बात सोची। मित्रों ने कहा- "तुझे कौन सा कहीं जाना है, हमें तो शहर में मस्ती करते हुए ही घूमना है, तू एक खच्चर लेले।"
राजकुमार को सलाह जमी नहीं, उसने सोचा, क्यों न मैं अपनी बहन, राजकुमारी से पूछूं। राजकुमारी ने उसकी बात सुनते ही कहा- "इसमें सोचना क्या है, गधा ले डाल , तुझपे तो वही जमेगा।"
असंतुष्ट राजकुमार अपनी माँ के पास गया। रानी माँ ने कहा-"ये सब तो यहीं मिल जाते हैं, तू तो अपने पिता से कह कर दूर देश से बढ़िया सा ज़ेबरा मंगवाले, शान से उस पर घूमना।"
राजकुमार कुछ सोचता हुआ लौट ही रहा था, कि रास्ते में उसे एक घोड़ा मिला। घोड़े पर एक सैनिक का लड़का बैठा था। राजकुमार ने लड़के से पूछा- "तुम इस घोड़े पर सवारी क्यों कर रहे हो?" लड़का बोला-"मैं न तो किसी से कुछ पूछ कर कोई चीज़ खरीदता हूँ, और न ही खरीदने के बाद सोचता हूँ कि यह मैने क्यों खरीदी"।कह कर लड़का चल दिया।
राजकुमार ने तुरंत अपने पिता से उसके लिए एक शानदार अरबी घोड़ा खरीदने की फरमाइश कर डाली।
Sahi hai dusro se rai lege to yahi hoga...sahi hi mast lagi kavita
ReplyDeleteDhanyawad.
ReplyDelete