...किन्ज़ान के जो दोस्त रोज़ सवेरे अपने दोस्त के जांबाज़ हौसले को संबल देने आते थे, उन्हीं को बदहवासी में रस्बी को क्लीनिक ले जाना पड़ा.समीप की फार्मेसी से सहायता लेकर जब तक किन्ज़ान की प्रेमिका पहुंची, रस्बी की ड्रेसिंग हो चुकी थी, और वह गुमसुम सी बेड पर लेटी थी.किन्ज़ान ने एक मैकेनिक को कुछ काम के लिए बुला रखा था, इस कारण वह अपने काम को समझ कर दो घंटे बाद पहुंचा. घर में टर्मिनेटर की उपस्थिति भी उसी दिन की बाट जोह रही थी, किन्ज़ान को निकलने में इस से भी देर हुई.
डाक्टर ने शाम तक रस्बी को वहीँ रहने को कहा. किन्ज़ान के साथी कुछ देर बाद चले गए, प्रेमिका भी. उसके बाद ही रस्बी का मौन टूटा.
-तुम्हें पता है, जब तुम तीन साल के थे, कैलिफोर्निया के बीच पर अपने पिता के साथ तुम पानी से कितना डर गए थे ? रस्बी ने छत की ओर देखते हुए कहा.
-मुझे ये भी पता है कि पिता ने पानी में मुझे ले जाकर मेरा डर निकालने की कोशिश ही की होगी.किन्ज़ान ने भी ऐसे स्वर में जवाब दिया, मानो बर्फ़ के घर में से कोई बच्चा बोल रहा हो.
-तुम्हारे पिता जब साल्मोन फिशिंग के लिए लेक पर जाते थे, तुम्हें कितना दूर बैठा देते थे. जब तुम पास भी आना चाहते वे तुम्हें आने नहीं देते थे, बल्कि मछली की बास्केट तुम्हें दिखाने के लिए तुम्हारे पास, धूप में चल कर जाते थे.
- पिता को यह भी मालूम होगा कि वे मुझे मछली खिलाने के लिए सारी उम्र मेरे साथ नहीं रह सकेंगे, और उन्हें बूढ़ा भी होना होगा.
-चुप...बकवास मत करो.
-.....
-तुम तो अपने मामा की गोद में बहुत खेले हो. वह कितना अच्छा तैराक था ? कोलंबिया में पानी के खेलों में उसका कितना नाम हुआ. वह आज व्हील-चेयर पर है.अब रस्बी की आँखों में पानी था.
-मामा का पानी ने कुछ नहीं बिगाड़ा, पानी में घुली एल्कोहल ने बिगाड़ा.
-बहस मत करो.
-.....
-मृत्यु से हर आदमी को डरना चाहिए.
-डर मृत्यु में नहीं है, डेथ तो बहुत शांतिपूर्ण है, डर तो केवल मृत्यु से डरने में है.
-सेना को भी बहादुर चाहियें, वहां क्यों नहीं जा सकते तुम?
-पिता और मामा की जिंदगी मेरी जिंदगी का फैसला लेने के लिए मिसाल क्यों बनती है? हम दूसरों की गति से सीखें, तो अपनी उम्र का क्या करें? [जारी...]
डाक्टर ने शाम तक रस्बी को वहीँ रहने को कहा. किन्ज़ान के साथी कुछ देर बाद चले गए, प्रेमिका भी. उसके बाद ही रस्बी का मौन टूटा.
-तुम्हें पता है, जब तुम तीन साल के थे, कैलिफोर्निया के बीच पर अपने पिता के साथ तुम पानी से कितना डर गए थे ? रस्बी ने छत की ओर देखते हुए कहा.
-मुझे ये भी पता है कि पिता ने पानी में मुझे ले जाकर मेरा डर निकालने की कोशिश ही की होगी.किन्ज़ान ने भी ऐसे स्वर में जवाब दिया, मानो बर्फ़ के घर में से कोई बच्चा बोल रहा हो.
-तुम्हारे पिता जब साल्मोन फिशिंग के लिए लेक पर जाते थे, तुम्हें कितना दूर बैठा देते थे. जब तुम पास भी आना चाहते वे तुम्हें आने नहीं देते थे, बल्कि मछली की बास्केट तुम्हें दिखाने के लिए तुम्हारे पास, धूप में चल कर जाते थे.
- पिता को यह भी मालूम होगा कि वे मुझे मछली खिलाने के लिए सारी उम्र मेरे साथ नहीं रह सकेंगे, और उन्हें बूढ़ा भी होना होगा.
-चुप...बकवास मत करो.
-.....
-तुम तो अपने मामा की गोद में बहुत खेले हो. वह कितना अच्छा तैराक था ? कोलंबिया में पानी के खेलों में उसका कितना नाम हुआ. वह आज व्हील-चेयर पर है.अब रस्बी की आँखों में पानी था.
-मामा का पानी ने कुछ नहीं बिगाड़ा, पानी में घुली एल्कोहल ने बिगाड़ा.
-बहस मत करो.
-.....
-मृत्यु से हर आदमी को डरना चाहिए.
-डर मृत्यु में नहीं है, डेथ तो बहुत शांतिपूर्ण है, डर तो केवल मृत्यु से डरने में है.
-सेना को भी बहादुर चाहियें, वहां क्यों नहीं जा सकते तुम?
-पिता और मामा की जिंदगी मेरी जिंदगी का फैसला लेने के लिए मिसाल क्यों बनती है? हम दूसरों की गति से सीखें, तो अपनी उम्र का क्या करें? [जारी...]
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