Thursday, December 6, 2012

सात रास्ते

कभी-कभी लगता है कि  हम कैसे किसी के दोस्त बनें, या कैसे उसे मित्र बनाएं। किसी-किसी को देख कर ये बात शिद्दत से दिल में उठती है। वैसे तो, कहते हैं कि  जिस मिट्टी से कुदरत ने आपको बनाया है, उसी मिट्टी  से बने और बुत जब भी दुनिया में कहीं आपसे टकराते हैं, तो दोस्त बन ही जाते हैं, पर कभी-कभी दिल ये भी तो कहता है कि  कोई किसी भी मिट्टी  का हो, हमारे परिचय के दायरे में आये। ऐसे में आपके पास मायूसी से पहले गुजरने वाले सात रास्ते हैं। इन्हें आजमाइए-
1.जिसे दोस्त बनाना चाहते हैं, उस से पहले उसके दोस्तों से मिलें, देखें कि  उनमें क्या है?
2.कागज़ की नाव बना कर उसे पानी में छोड़ दें, और आँख बंद करके सोचें, कि  यह उस तक जाय।
3.मन में सोचें, कि  यदि वह आपको मिल गया तो आप क्या करेंगे, और नहीं मिला तो क्या करेंगे।
4. जानें कि  आपसे मिल कर उसे क्या फायदा या नुकसान होगा।
5.देखिये, कि  वह कम से कम लोगों से किस वक़्त घिरा है।
6.तलाशिये, कि आपके पास उसके लिए खोने को क्या है?
7.उसकी कौन सी खूबी है जो आपको खींचती है, और वह खूबी और किस-किस में है?
यकीन कीजिये, इनमें से किसी न किसी राह पर चल कर वह जल्दी ही आपके साथ कहीं चहल-कदमी कर रहा होगा। बस, कुदरत किसी को, अपने चाहने या पसंद करने वाले से इतनी ही देर दूर रह पाने की मोहलत देती है।

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (8-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. Dhanyawaad, aapko vichar achchha laga, to safal ho gaya.

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