Sunday, December 2, 2012

नव-वर्ष के संकल्प

ऐसा रिवाज़ है कि  जब नया साल आरम्भ हो, तो इसका गर्म-जोशी से स्वागत किया जाए, और साथ ही इस अवसर पर इसके नयेपन को बनाए रखने के लिए कोई न कोई ऐसा संकल्प भी लिया जाए, जो वर्षभर हमें इस साल के मधुर आगमन की याद दिलाता रहे। प्रायः ऐसा होता है कि हम पहले से तो इस संकल्प की आयोजना करते नहीं, फिर आखिरी वक्त में हड़बड़ी में कोई संकल्प लेना चाहते हैं। हम सोच नहीं पाते कि  अपनी दिनचर्या में हम इस संकल्प का निर्वाह कर पाएंगे या नहीं। नतीजा यह होता है कि  या तो हम संकल्प लेने का इरादा छोड़ देते हैं, या फिर आधे-अधूरे मन से अनुपयोगी संकल्प ले बैठते हैं, जिसे उकता कर बीच में ही छोड़ना पड़ता है।
हम आपको समय रहते ही याद दिला रहे हैं कि  अभी से सोच लीजिये- आप क्या संकल्प लेंगे।
जो संकल्प मैंने अपने लिए सोचे हैं वे भी आपको बता रहा हूँ, ताकि आप अपनी सलाह देकर मुझे सही संकल्प चुनने में सहयोग कर सकें। ये हैं मेरे संभावित संकल्प-
 1. मैं अगले साल हर महीने में एक बार एक दिन के लिए किसी भी शहर में जेब में एक भी रुपया, फ़ोन या कोई पहचान-पत्र लिए बिना घूमूँगा।
2.मैं हर महीने में एक बार किसी भी स्थान [-होटल, रिसोर्ट,मंदिर,या अन्य] पर एक ऐसी पार्टी का आयोजन करूंगा, जिसमें केवल सभी "अपरिचित" लोगों को आमंत्रित करूंगा।
3.मैं हर माह में एक बार किसी भी 90 वर्ष से अधिक के व्यक्ति को आउटिंग [सिनेमा, डिनर,सांस्कृतिक कार्यक्रम] के लिए ले जाऊँगा।
4.मैं रविवार के दिन या ईवनिंग कक्षाओं में छोटे बच्चों के साथ कोई इंस्ट्रूमेंटल संगीत सीखने के लिए प्रवेश लूँगा।
5.मैं पुराने खेलों-शतरंज,ताश,चौपड़ आदि खेलने के लिए [केवल खाली और सेवा-निवृत्त ही नहीं, व्यस्त लोगों का भी ] एक क्लब संचालित करूंगा।
6.मैं इस वर्ष वृद्ध महिलाओं-पुरुषों के लिए संगीत व डांस की कक्षाएं संचालित करूंगा। जिसमें सिखाने के लिए युवाओं और बच्चों को आमंत्रित करूंगा।
7.मैं कार्यशील महिलाओं [वर्किंग लेडीज़] के लिए कार्य-स्थल पर ताज़ा भोजन 'टिफिन द्वारा' न्यूनतम मूल्य पर भेजने का केंद्र संचालित करूंगा।
नोट -टिप्पणीकारों से निवेदन है कि वे इनमें से जिसे सबसे उपयोगी समझें, कृपया, उसका क्रमांक लिख दें।     

3 comments:

  1. 4,3,2,6 ... एक नववर्ष की पूर्वसंध्या पर लिखा था:
    हम अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। हो सके तो तैराकी या घुड़सवारी सीखें। जिम नहीं जा सकते तो घर में योगासन शुरू करें। इस साल के वृक्षारोपण में लगाए किसी सूख रहे पौधे को थोडा पानी देकर जमने लायक बना दें। बहुत दिनों से खोये हुए किसी पुराने मित्र को अचानक मिलकर आश्चर्यचकित कर दें, किसी चाय वाले छोटू को शतरंज खेलना सिखाये या काम-वाली बाई के बेटे-बेटी की एक साल की कापी-किताबों का इंतजाम कर दें। जिस दिन भी शुरू करेंगे, पता लगेगा कि एक छोटी सी शुरूआत से ही बड़े बड़े काम होते हैं:
    बात तो आपकी सही है यह थोड़ा करने से सब नहीं होता
    फिर भी इतना तो मैं कहूंगा ही कुछ न करने से कुछ नहीं होता

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  2. Aapne to madad ka rajpath hi khol diya.Dhanyawaad.Sanyog dekhiye, jis samay aapka sandesh padh raha hoon, chay wala chhotu paas hi khadaa hai.

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