यह अच्छी बात है कि लोगों में महिला मामलों के प्रति अवेयरनेस आ रही है। कल मुझसे एक विद्यार्थी ने पूछा कि मुहावरों में भी महिलाओं को ही बदनाम किया जाता है, लोग कहते हैं, चोर-चोर मौसेरे भाई, अर्थात चोरों की माँओं को ही आपस में बहन बताया जाता है, उनके पिताओं को भाई नहीं बताते।
इस सवाल पर मुझे करीना कपूर का ख्याल आ गया। क्योंकि उनका सर है बिलकुल डैंड्रफ फ्री! उसमें बिलकुल खुजली नहीं होती, पर मुझे देर तक सर खुजाना पड़ा।
पर विद्यार्थी को उत्तर देना भी ज़रूरी था। मैंने कहा- देखो, यदि कोई चोर है, तो इसका क्रेडिट उसकी माँ को दिया जाना यह सिद्ध करता है कि किसी को भी संस्कार देने का महत्वपूर्ण कार्य मुख्यरूप से उसकी माँ करती है, पिता नहीं। ऐसे में यदि दूसरा भी चोर है तो उसका क्रेडिट भी उसकी माँ को ही दिया जायेगा। अतः एक चोर के लिए दूसरे चोर की माँ भी उसकी माँ सी ही हुई। मौसी माँ जैसी ही होने के कारण उसे मासी या मौसी कहा जाता है। ऐसे में दोनों चोर भी मौसेरे भाई ही कहलाते हैं। तो यहाँ भी माँ की अहमियत ही छिपी है।
इस सवाल पर मुझे करीना कपूर का ख्याल आ गया। क्योंकि उनका सर है बिलकुल डैंड्रफ फ्री! उसमें बिलकुल खुजली नहीं होती, पर मुझे देर तक सर खुजाना पड़ा।
पर विद्यार्थी को उत्तर देना भी ज़रूरी था। मैंने कहा- देखो, यदि कोई चोर है, तो इसका क्रेडिट उसकी माँ को दिया जाना यह सिद्ध करता है कि किसी को भी संस्कार देने का महत्वपूर्ण कार्य मुख्यरूप से उसकी माँ करती है, पिता नहीं। ऐसे में यदि दूसरा भी चोर है तो उसका क्रेडिट भी उसकी माँ को ही दिया जायेगा। अतः एक चोर के लिए दूसरे चोर की माँ भी उसकी माँ सी ही हुई। मौसी माँ जैसी ही होने के कारण उसे मासी या मौसी कहा जाता है। ऐसे में दोनों चोर भी मौसेरे भाई ही कहलाते हैं। तो यहाँ भी माँ की अहमियत ही छिपी है।
किसी भी कहावत या मुहावरे का एक सही और सार्वभौमिक उत्तर होता है सदैव वही बताया जाना चाहिए .
ReplyDeleteyes
ReplyDeleteThanks,for the comments.
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