कभी-कभी ऐसा होता है कि हम जो कुछ चाहें, जो कुछ कहें वह तत्काल पूरा हो जाता है।और कभी ऐसा भी होता है कि हम लाख कोशिश करते रहें, पर कुछ नहीं होता ? मतलब यह, कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है। नियति ने सारे ऑप्शंस अपने हाथ में ही रखे हैं।
सायरा बानो ने कभी भी दिलीप कुमार को 'आप' तो दूर, 'तुम' तक नहीं कहा। हमेशा "तू".
लेकिन अब दिलीप साहब के बंगले के रसोइये ने बताया कि मैडम साहब को 'आप' ही नहीं कहतीं, बल्कि उन्हें हमेशा 'साहब' भी कहती हैं। वे उनकी उपस्थिति में ही नहीं, बल्कि अनुपस्थिति में भी साहब का संबोधन देती हैं।
मज़ेदार बात यह है कि दिलीप साहब ने केवल एक बार कहा था- "साला मैं तो साहब बन गया".ये तो आप जानते ही हैं कि जब ये बादशाह-बेगम शादी के बंधन में बंधे, तब साहब चवालीस के, और मेमसाहब महज़ बाईस की थीं।
सायरा बानो ने कभी भी दिलीप कुमार को 'आप' तो दूर, 'तुम' तक नहीं कहा। हमेशा "तू".
लेकिन अब दिलीप साहब के बंगले के रसोइये ने बताया कि मैडम साहब को 'आप' ही नहीं कहतीं, बल्कि उन्हें हमेशा 'साहब' भी कहती हैं। वे उनकी उपस्थिति में ही नहीं, बल्कि अनुपस्थिति में भी साहब का संबोधन देती हैं।
मज़ेदार बात यह है कि दिलीप साहब ने केवल एक बार कहा था- "साला मैं तो साहब बन गया".ये तो आप जानते ही हैं कि जब ये बादशाह-बेगम शादी के बंधन में बंधे, तब साहब चवालीस के, और मेमसाहब महज़ बाईस की थीं।
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