मीना कुमारी छत्तीस साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई. दिव्या भारती ने तो पूरे दो दर्ज़न वसंत भी नहीं देखे. मधुबाला ने चालीस का आंकड़ा नहीं छुआ. संजीव कुमार जिस उम्र में गए वो दुनिया से जाने की उम्र नहीं थी. विमी चढ़ती उम्र में बतौर नई हीरोइन ही रुखसत हो गई.विनोद मेहरा आखरी वक्त में युवक ही थे.
वर्षों पहले की बात है. मैं मुंबई के चेम्बूर स्टेशन से उतर कर पैदल ही घूमता हुआ वसंत सिनेमा तक जा रहा था. वहां तक एक शॉर्ट कट भी था, और आर के स्टूडियो की ओर से घूम कर लम्बा रास्ता भी जाता था. उस दिन थोड़ी फुर्सत में था, इसलिए लम्बे रस्ते से जा रहा था.
वीरू देवगन [तब अजय देवगन स्टार नहीं थे] के घर से नूतन के मकान के सामने होता हुआ मैं राजकपूर के बंगले तक पहुँचता, इससे पहले ही एक बंगले की बालकनी में मैंने शूटिंग का सेट लगा हुआ देखा. ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी, कुछ लोग नीचे से ही रंधीर कपूर और स्मिता पाटिल को देख रहे थे. स्मिता पाटिल कोई विशेष मेक-अप में नहीं थीं. लेकिन थोड़ी सी देर रुक कर स्मिता पाटिल की एक मिनट की शूटिंग देखने में न जाने कैसा प्रभाव पड़ा कि कुछ दिन बाद जब मैंने फिल्मांकन की द्रष्टि से नई कहानी लिखी तो उसकी नायिका में पूरी तरह स्मिता पाटिल की ही झलक थी.
मैंने वह कहानी स्मिता पाटिल को ही भेज दी. वह ऐसा समय था जब बड़े सितारे अपनी फैन-मेल खोल कर भी नहीं देखते थे, लेकिन स्मिता पाटिल का पेन्सिल से लिखा जवाब आया कि मैं कहानी उनके किसी निर्माता को भेजूं, वे किसी कहानी के मामले में बिलकुल दखल नहीं देतीं.
स्मिता पाटिल कुल इकत्तीस साल की उम्र में दुनिया से चली गईं.राज बब्बर से उनका विवाह हुआ था. आज उनके बेटे की एक तस्वीर देखी तो उन्हें याद करने का मन हुआ.
जी, लोग आकाश में सितारे बन जाते हैं, यादें ही बच रहती हैं। स्मिता पाटिल एक बहुत प्रतिभाशाली अभिनेत्री थीं, उन्होंने कम समय में ही अपना एक विशेष स्थान बनाया।
ReplyDeletesmita patil ki kuchh filmon ki to is tarah yaad taza hai, mano ve apne dekhe hue shahar ke apne jane hue log hon.
ReplyDeleteसुन्दर सृजन , प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteसमय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
badhaaiyon ka ek guldasta aapko bhi
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