Thursday, September 22, 2011

क्रिकेट-मैदानों का एक कोना और शर्मीला टैगोर की मांग

कुछ दिन पहले जब करीना कपूर अपने जन्मदिन की पार्टी को स्थगित करने का आग्रह कर रहीं थीं,तब यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि दूसरों के लिखे संवाद बोलने और निर्देशक के कहने पर लब हिलाने वाली इस संजीदा अभिनेत्री के अपने निजी सुख-दुःख भी हैं.उन्हें भी पूर्व-आभास और अहसास हो जाते हैं कि पटकथा में आगे क्या लिखा है.खैर,जन्मदिन तो आगे भी आयेंगे,पर सैफ को संवेदना का यह गिफ्ट जो उन्होंने दिया, उसे वे जल्दी नहीं भूलेंगे.
मैं जब नौ वर्ष का था,एक टेलेंट-हंट प्रतियोगिता में भाग ले रहा था,परीक्षा से लगभग आधा घंटा पहले परीक्षा केंद्र में पानी की प्याऊ[उस समय कूलर नहीं लगे होते थे] पर मेरे एक मित्र ने कहा-अभी-अभी ट्रांजिस्टर सुना था,न्यूज़ में आया है कि कैप्टन फारुख इंजिनियर को नहीं, मंसूर अली को बनाया है.संयोग से परीक्षा में यह प्रश्न भी आया, कि भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान कौन है?और सही जवाब क्या है, इस पर हम नन्हे प्रतियोगियों में जमकर चर्चा भी हुई थी. जब मैं दसवीं कक्षा में आया, तब सुना कि 'एन इवनिंग इन पैरिस' और 'वक्त' वाली शर्मीला का नाम अब आयशा सुल्ताना हो गया, क्योंकि उसने मंसूर अली खान से शादी करली.
इतिहास,समय और गंगा अपनी-अपनी रफ़्तार से बहते रहे.साथ-साथ बहती रही नवाब,शर्मीला,मेरी और आपकी उम्र भी.
यकीन नहीं होता कि अमरप्रेम की हीरोइन अब मांग में सिन्दूर नहीं भरेगी.जीवन यही है.

2 comments:

  1. जी हाँ जब यह समाचार मैंने सुना बहुत दुःख हुआ ओर यही बात मेरे जहन में भी आई !

    ReplyDelete
  2. dukh kam karne ka yahi ek upay hai ki ham sab use baant len.

    ReplyDelete

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...