विज्ञानं का बाज़ार जल्दी ही हमारे अवयवों को मशीनों के पुर्जों की तरह रिटेल में उपलब्ध कराने जा रहा है.जिस तरह आप अपनी गाड़ी के लिए मनचाही लाइट या शीशा खरीद लेते हैं,उसी तरह आप अपने शरीर के लिए भी मनपसंद पुर्जे तैयार रूप में खरीद सकेंगे.इन अवयवों को आसानी से आपके शरीर में कोई भी सर्जन प्रतिरोपित कर देगा.मिसाल के तौर पर यदि आप चाहते हैं कि आपकी आँखें थोड़ी और बड़ी हो जाएँ तो आप बाज़ार से अपनी पसंद की आँखें, रंग व आकार चुन कर ला सकते हैं.ये साधारण सी शल्य-क्रिया से आपके चेहरे पर फिट कर दी जाएँगी.इस तरह 'ग्लोबल इंसानों' की एक समरस दुनिया अपने आप तैयार हो जाएगी,जहाँ आप चुन सकेंगे-मंगोलियन चेहरे पर ईरानी कान,रूसी दांत, पेरू की अंगुलियाँ और जापानी नाखून.फिर कोई आपको अफ़्रीकी, अमेरिकन, अरबी या इन्डियन नहीं कहेगा, बल्कि आप हो जायेंगे डब्ल्यू डब्ल्यू पी, अर्थात वर्ल्ड-वाइड पर्सन.
इन अंगों को लगाने वाले डाक्टर खून से आपके चेहरे की ग्रीसिंग और ओइलिंग इस तरह कर देंगे कि चेहरे पर कोई दाग-धब्बा न रहे.
आपको पसंद आ रही है यह बात?तो अपने उन अवयवों की पहचान करके रखिये जो आपको पसंद नहीं हैं या बेडौल हैं.और यदि पसंद नहीं आ रही, तो भी चिंता की कोई बात नहीं है,क्योंकि इस सब में अभी काफी वक्त लगने वाला है. इतनी जल्दी नहीं होगा यह सब.
लेकिन जब होगा, तो सोचिये, क्या खूब होगा?
No comments:
Post a Comment