Sunday, February 3, 2013

आज भी नहीं है मेहनत का विकल्प

सुनील आनंद, बॉबी देवल, कुमार गौरव से लेकर रणबीर कपूर तक अनेक फ़िल्मी हस्तियों के बच्चों का रजतपट पर आना लगातार जारी है। यहाँ तक कि  फिल्म के किसी भी सेगमेंट से जुड़ा कोई भी व्यक्ति हो,एक बार तो उसके बच्चे फ़िल्मी परदे पर खुद को आजमाना ही चाहते हैं। आज ऐसे फ़िल्मी लोग अँगुलियों पर गिने जा सकते हैं, जिनके बच्चों ने फिल्मों का रुख नहीं किया।
यहाँ तक कि  कई होनहार तो प्रबंधन, डाक्टरी,इंजीनियरिंग, लॉ आदि विषयों की पढ़ाई करके भी यहाँ भाग्य आजमाते देखे गए हैं। कुछ अभिनय की कड़ी तालीम लेकर आये, तो कुछ ने मम्मी-पापा के नाम को ही सफलता की गारंटी समझ लिया। लेकिन बॉलीवुड ने इन नौनिहालों को कुछ पाठ भी पढ़ाये हैं जैसे -
1. यहाँ भविष्य-प्रमाणपत्र पर कम से कम दो हस्ताक्षर होने ज़रूरी हैं- एक प्रबल भाग्य के, दूसरे कड़ी मेहनत के।
2.मम्मी-पापा का नाम समंदर में आपके बजरे को सुगमता से उतार तो देता है, पर उसकी लहरों से लोहा आपकी काबिलियत को ही लेना पड़ता है।
3.यदि आप यहाँ सफल नहीं हो पाते तो आप मम्मी या पापा को भी जबरदस्त टेंशन में ला देते हैं, और आपके नाम पर जमी बर्फ को तोड़ने के लिए उन्हें सारा जोश बटोर कर नई पारी खेलने के लिए मैदान में फिर से उतरना पड़ता है।
4.हाँ,यदि आपके पौ -बारह हो गए तो आपके मम्मी-पापा के पौ -चौबीस होने में भी देर नहीं लगती।      

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