राजस्थान में उस समय नीबू के आकार के ओले खेतों में गिर रहे थे जब रशिया में आसमान से आग बरसाते हुए उल्कापिण्ड गिर रहे थे। यह दोनों ही क्रियाएं परस्पर विरोधाभासी इसलिए हैं क्योंकि आम तौर पर रशिया को बर्फ की तरह ठंडा और राजस्थान को पानी विहीन तपता प्रदेश माना जाता है।
ये घटनाएं प्रकृति, माहौल और समय का क्रोध है, जो मौजूदा दुनिया पर झल्ला कर टूट रहा है। सब जैसे एक दूसरे की बात न मानने और अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं। सारी दुनिया एक सी है, यह राग अब निसर्ग से भी सुनाई दे रहा है।
इसका एक अच्छा पक्ष भी है। सब देशों के लोगों के रूप-रंग इसीलिए अलग-अलग होते हैं, क्योंकि वहां की जलवायु अलग-अलग होती है। जब यह निजता छिन्न-भिन्न होने लगेगी तो शायद एकदिन हम सब भी एक से रंग-रूप के होने लगें। यदि ऐसा दिन आता है तो वह निश्चय ही बेहतर होगा।
ये घटनाएं प्रकृति, माहौल और समय का क्रोध है, जो मौजूदा दुनिया पर झल्ला कर टूट रहा है। सब जैसे एक दूसरे की बात न मानने और अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं। सारी दुनिया एक सी है, यह राग अब निसर्ग से भी सुनाई दे रहा है।
इसका एक अच्छा पक्ष भी है। सब देशों के लोगों के रूप-रंग इसीलिए अलग-अलग होते हैं, क्योंकि वहां की जलवायु अलग-अलग होती है। जब यह निजता छिन्न-भिन्न होने लगेगी तो शायद एकदिन हम सब भी एक से रंग-रूप के होने लगें। यदि ऐसा दिन आता है तो वह निश्चय ही बेहतर होगा।
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