खबर थी कि चन्द्रमा पर छोटा सा घर बन रहा है, जिसमें चार लोग रह सकते हैं। यह चार लोग कौन होंगे? भारत में तो कहा जाता है कि दाने-दाने पर खाने वाले का और ईंट-ईंट पर रहने वाले का नाम लिखा होता है। अतः समय आने पर चन्द्रमा पर रहने वाले भी सामने आ ही जायेंगे, किन्तु अनुमान लगाने का भी अपना ही मज़ा है, क्यों न हम अभी से सोचना शुरू करें?
वैसे किसी स्थान पर चार लोगों का रहना कई तरह से जोखिम-भरा है। क्योंकि यदि उनमें किसी भी बात को लेकर विवाद हुआ, तो फैसला वोट से ही होगा,और ऐसे में यदि वोट दोनों तरफ दो-दो हो गए तो बात नहीं बनेगी। धरती पर तो पहले आदम और हव्वा, दो ही आये थे। इसलिए यहाँ दो को ही पर्याप्त मान कर तीसरे को कबाब में हड्डी माना जाता है। ऐसे में चौथा तो 'भीड़' की तरह माना जायेगा। किन्तु चार का फायदा भी है, इससे दो-दो के दो जोड़े बन सकेंगे।
चन्द्रमा पर रहने वाला परिवार यदि अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया या रशिया जैसे देश से गया, तब तो ठीक, लेकिन यदि चाइना,भारत या पाकिस्तान जैसे देश से गया तो फिर ये समस्या, कि किसे ले जाएँ, किसे छोड़ें?
लेकिन एक बात समझ में नहीं आई। अभी तो मकान बन ही रहा है। पूरा होगा, फिर उसमें सामान-असबाब पहुंचेगा, गृह-प्रवेश होगा, तब कहीं जाकर उसमें बसने वालों का नंबर आएगा। अभी से चिंता क्यों करें?
वैसे किसी स्थान पर चार लोगों का रहना कई तरह से जोखिम-भरा है। क्योंकि यदि उनमें किसी भी बात को लेकर विवाद हुआ, तो फैसला वोट से ही होगा,और ऐसे में यदि वोट दोनों तरफ दो-दो हो गए तो बात नहीं बनेगी। धरती पर तो पहले आदम और हव्वा, दो ही आये थे। इसलिए यहाँ दो को ही पर्याप्त मान कर तीसरे को कबाब में हड्डी माना जाता है। ऐसे में चौथा तो 'भीड़' की तरह माना जायेगा। किन्तु चार का फायदा भी है, इससे दो-दो के दो जोड़े बन सकेंगे।
चन्द्रमा पर रहने वाला परिवार यदि अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया या रशिया जैसे देश से गया, तब तो ठीक, लेकिन यदि चाइना,भारत या पाकिस्तान जैसे देश से गया तो फिर ये समस्या, कि किसे ले जाएँ, किसे छोड़ें?
लेकिन एक बात समझ में नहीं आई। अभी तो मकान बन ही रहा है। पूरा होगा, फिर उसमें सामान-असबाब पहुंचेगा, गृह-प्रवेश होगा, तब कहीं जाकर उसमें बसने वालों का नंबर आएगा। अभी से चिंता क्यों करें?
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