प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
Monday, April 18, 2011
पर रहो मिल-जुल कर
आजकल एक नज़ारा आम है। हमारे नेताओं में ज़बरदस्त एकता दिखाई दे रही है। आमतौर पर नेता एक दूसरे की टांग खींचने में मशगूल रहते हैं। वे इसमें सिद्धहस्त भी माने जाते हैं। बल्कि कहा तो यहाँ तक भी जाता है कि नेता बनने का रास्ता ही यही है। यदि आप अपने को नेतागिरी में आजमाना चाहते हैं तो किसी भी नेता की टांग- खिंचाई में जी-जान से जुट जाइये।बस, धीरे-धीरे उसकी पतंग उतरने लगेगी और आपकी चढ़ने लगेगी। लोगों को यह गलत फहमी हो जाती है कि किसी बड़े नेता की चमचागिरी या जी-हुजूरी से मोक्ष मिलता है। पर ऐसा नहीं है। इस से तो कहीं की अध्यक्षता, कहीं की गवर्नरी ,कहीं की आयोगायी ही मिल सकती है, नेतागिरी नहीं। ऐसा व्यक्ति लाल-बत्ती पाकर भी चाकर ही रहता है। तो आज कल यह अद्भुत नज़ारा देखने में खूब आ रहा है कि नेताओं की आपस में पट रही है। वे संसद से सड़क तक एक दूसरे के गले में बाहें डाल कर गरबा, घूमर या भांगड़ा करते दिखाई देते है।असल में पहले नेताओं की आपसी खीचतान इस बात को लेकर होती थी कि एक जंगल में दो शेर कैसे रहें? अब शेर भी समझ गए हैं कि रहना तो आखिर जंगल में ही है, तो एक दूसरे पर दहाड़ कर रहने से क्या फायदा? क्यों न एक दूसरे को पुचकार कर रहें? नेता भी संगठन का बल समझ गए हैं। वे अच्छी तरह जान गए हैं कि यदि हम मिल जुल कर रहेंगे तो न तो हम पर घोटालों के बादल छाएंगे और न किसी अनशन से बिजली गिरेगी। उन्होंने भी जवाब देना सीख लिया है । हर बात का तोड़ निकाल लिया है।कोर्ट फटकारे तो चटकारे लेकर प्रेस-कांफ्रेंस करो। जनता अनशन करे तो अंट-शंट बोलने लगो।आका आँखे तरेरें तो चुप हो जाओ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हम मेज़ लगाना सीख गए!
ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...
Lokpriy ...
-
जिस तरह कुछ समय बाद अपने रहने की जगह की साफ़ सफाई की जाती है, वैसे ही अब यह भी ज़रूरी हो गया है कि हम अपने समय के शब्दकोषों की सफाई करें. ब...
-
जयपुर के ज्योति विद्यापीठ महिला विश्व विद्यालय की प्रथम वाइस-चांसलर,देश की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक-शिक्षाविद प्रोफ़ेसर रेखा गोविल को "शिक्...
-
1. Abdul Bismillah 2. Abhimanyu Anat 3. Ajit Kumar 4. Alok Puranik 5. Amrit lal Vegad 6. Anjana Sandheer 7. Anurag Sharma"Smart ...
-
निसंदेह यदि कुत्ता सुस्त होगा तो लोमड़ी क्या,बिल्ली भी उस पर झपट्टा मार देगी। आलसी कुत्ते से चिड़िया भी नहीं डरती, लोमड़ी की तो बात ही क्या...
-
जब कोई किसी भी बात में सफल होता है तो उसकी कहानी उसकी "सक्सेज़ स्टोरी" के रूप में प्रचलित हो जाती है। लेकिन यदि कोई अपने मकसद...
-
"राही रैंकिंग -2015" हिंदी के 100 वर्तमान बड़े रचनाकार रैंक / नाम 1. मैत्रेयी पुष्पा 2. नरेंद्र कोहली 3. कृष्णा सोबती 4....
-
इस कशमकश से लगभग हर युवा कभी न कभी गुज़रता है कि वह अपने कैरियर के लिए निजी क्षेत्र को चुने, या सार्वजनिक। मतलब नौकरी प्राइवेट हो या सरकारी।...
-
कुछ लोग समझते हैं कि केवल सुन्दर,मनमोहक व सकारात्मक ही लिखा जाना चाहिए। नहीं-नहीं,साहित्य को इतना सजावटी बनाने से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं ह...
No comments:
Post a Comment