भारत में कपिल सिब्बल ने कुछ समय पहले ये राग छेड़ा था कि नेट के लापरवाही पूर्ण इस्तेमाल को रोकने के लिए कुछ बंधन बिछाए जाएँ. कपिल सिब्बल ने तो एक नए मैच के आगाज़ की कल्पना की थी. उन्होंने मैदान साफ किया. खिलाड़ियों का आह्वान किया कि वे आयें और अपना-अपना हुनर दिखाएँ.कोई नहीं आया. उलटे राग प्रसारित करते मंच पर टमाटर और अंडे फिंकने लगे.
अब खबर ये है कि ब्राज़ील में ऐसा कर भी दिया गया.
सच है, किसी पेड़ के नीचे सिन्दूर से रंग कर एक पत्थर रख दो, और उसके सामने दो अगरबत्तियां जला दो तो हर आने वाला जूते उतार कर वहां शीश झुकाता है. हाँ, यह घोषणा हो कि एक भव्य मंदिर बनाया जायेगा, तो लाखों आदमी वहां शिलाएं [पत्थर ] पटक-पटक कर थक जाएँ, फिर भी भगवान का घर नहीं बन पाता.
एक बार फिर ब्राज़ील जीता.
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