भारतीय दिल का कोई जवाब नहीं. जब बल्लियों उछलता है तो फिर न लखनऊ देखता है न बोस्टन.
आजकल दिल घायल है. युवराज के फेफड़ों ने न जाने कहाँ से भयंकर संक्रमण पकड़ लिया है. भारतीय मन ने उन्हें बॉल पकड़ते देखा है, बैट पकड़ते देखा है,लेकिन बीमारी उन्हें पकड़ लेगी, यह कभी सपने में भी किसी ने नहीं सोचा. तसल्ली इस बात की है , वे अमेरिका में इलाज करा रहे हैं, इसलिए जब डाक्टर कहते हैं कि वे जल्दी ही फिर मैदान पर होंगे तो बात पर विश्वास हो जाता है. ऐसा कहने वाले डाक्टरों के मुंह में घी-शक्कर. यदि वे भारत में इलाज कराते तो बॉल ईश्वर के पाले में होती, और लोग मंदिरों में. पर शुक्र है कि युवराज बोस्टन में हैं और बोस्टन में डाक्टर न आरक्षण से बनते हैं न पेड सीटों से,दवाइयां कमीशन से नहीं आतीं और न मशीनें रिश्वत से.
युवराज जल्दी अच्छे होकर बैट थामे दिखाई दें. शुभकामनाएं.
आज एक ऑपरेशन और था.लखनऊ में. वहां भी थेरेपी युवराज की ही होनी है. वहां डाक्टर जनता है, हकीम मुलायम,नर्स माया और उमा. शुभकामनायें वहां के लिए भी. यह भी लम्बा चलने वाला है. यहाँ थेरेपी सात बार में होगी.
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