नई दिल्ली के प्रगति मैदान में २५ फ़रवरी से विश्व पुस्तक मेले का आयोजन हो रहा है. हर बार यही होता है कि पुस्तक मेला बीतने के बाद पता चलता है कि देश-भर से अमुक-अमुक लेखकगण मेले में तशरीफ़ लाये थे. कई मित्रों से भी यही सुनने को मिलता है कि वे वहां थे. संयोग से इस बार समय रहते ही यह याद आ गया कि अपने मित्रों और अन्य कलमकारों को वहां घेरने के लिए अभी से नाकाबंदी की जाये.
२६ फ़रवरी का दिन रविवार होने के कारण इस "आखेट" के लिए उपयुक्त रहने की सम्भावना है. अतः आपको सूचित किया जाता है कि अपने वहां होने की सूचना ९३१२४००७०९पर 'मधुदीप' को देने का कष्ट करें. ये "दिशा प्रकाशन" के स्टाल पर उपलब्ध होंगे. कम से कम ऐसे महानुभाव अपने होने की घोषणा अवश्य करें-
१. जिनकी कोई भी पुस्तक [नई] इस मेले में पहली बार आ रही हो.
२. हिंदी के सभी ऐसे रचनाकार जो अपने को देश के सर्वश्रेष्ठ १०० रचनाकारों में शुमार समझते हों[ किसी प्रमाण-पत्र की दरकार नहीं है, आपकी आत्म -विश्वास से की गई घोषणा ही काफी है]
३. पुस्तकों के ऐसे लेखक जिनकी आयु ८० से अधिक या २० से कम हो.
४. वे रचनाकार जो अपनी पुस्तक के अंग्रेजी या अन्य विदेशी भाषा में अनुवाद में रूचि रखते हों.
५. वे मित्र साहित्यकार जो इस सूचनादाता से मिलने में रूचि रखते हों.
२६ फ़रवरी का दिन रविवार होने के कारण इस "आखेट" के लिए उपयुक्त रहने की सम्भावना है. अतः आपको सूचित किया जाता है कि अपने वहां होने की सूचना ९३१२४००७०९पर 'मधुदीप' को देने का कष्ट करें. ये "दिशा प्रकाशन" के स्टाल पर उपलब्ध होंगे. कम से कम ऐसे महानुभाव अपने होने की घोषणा अवश्य करें-
१. जिनकी कोई भी पुस्तक [नई] इस मेले में पहली बार आ रही हो.
२. हिंदी के सभी ऐसे रचनाकार जो अपने को देश के सर्वश्रेष्ठ १०० रचनाकारों में शुमार समझते हों[ किसी प्रमाण-पत्र की दरकार नहीं है, आपकी आत्म -विश्वास से की गई घोषणा ही काफी है]
३. पुस्तकों के ऐसे लेखक जिनकी आयु ८० से अधिक या २० से कम हो.
४. वे रचनाकार जो अपनी पुस्तक के अंग्रेजी या अन्य विदेशी भाषा में अनुवाद में रूचि रखते हों.
५. वे मित्र साहित्यकार जो इस सूचनादाता से मिलने में रूचि रखते हों.
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