प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
Monday, July 11, 2011
no man can serve two masters
really it is very difficult to serve two masters, but if your masters are two "languages" then its o.k.you can manage any how. language is the dress of thought. it is our thoughts which keep us awake. it is better to bend than to break. it is better not to be than to be unhappy. thoughts keep us awake, but indolence is the sleep of mind. if the blind leads the blind, both shall fall into the ditch. he who begins many things finishes nothing. he travels fastest who travels alone. but at the same time happiness is not perfected until it is shared. still "kahna padta hai"
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