किसी प्रतियोगिता में आपने देखा होगा कि जीतने वाले और हारने वाले में कई बार बहुत ही कम अंतर होता है. फिर भी "जीत" बिंदु पर खड़े होने का अपना महत्त्व है. इसी तरह सब दिन समान होने पर भी किसी ख़ास दिन का अपना ही महत्त्व है. यह दिन हमेशा यह याद दिलाता है कि माउंट- एवरेस्ट की ओर देखते समय हर एक की आरज़ू उनतीस हज़ार दो सौ फिट की ऊँचाई पर झंडा फहराने की होती है,उनतीस हज़ार एक सौ निन्यानवे फिट पर नहीं, जबकि वह भी उतना ही मुश्किल भरा काम है.
इसी लिए हम जन्म-दिन को मनाते भी हैं और अपने जीवन के लिए एक अहम् शुरुआत का आरम्भ-बिंदु भी मानते हैं. यही याद दिलाने के लिए कहते हैं-जन्म दिन की शुभकामनाएं या हैप्पी बर्थडे
sarthak lekh.
ReplyDeletedhanywad aapkobhi aur un sab ko bhi jo apna janmdin mana rahe hain.
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