Thursday, June 21, 2012

देखें ईश्वर किसका है?

लूट का माल थैले में भरकर
पुलिस से बच कर भागता एक लुटेरा
मंदिर के अहाते में घुस कर
ईश्वर से बोला-
मैं शरणागत हूँ,
मेरी और मेरे धन की
रक्षा करो भगवन !

कुछ देर बाद
मंदिर की उन्हीं सीढ़ियों पर
नंगे पाँव दौड़ता एक सिपाही
अपनी बंदूख को अदब से
परिसर के बाहर टिका कर
दाखिल हुआ भीतर और बोला-
मुझे शक्ति दो प्रभु,
कि  मैं दुष्टों और आतताइयों से
रक्षा कर सकूं
तुम्हारे भक्तों की जान और
उनके माल की !

जारी है जंग इस तरह
हमेशा, हर-एक के बीच
देखें, ईश्वर किसका है?

No comments:

Post a Comment

शोध

आपको क्या लगता है? शोध शुरू करके उसे लगातार झटपट पूरी कर देने पर नतीजे ज़्यादा प्रामाणिक आते हैं या फिर उसे रुक- रुक कर बरसों तक चलाने पर ही...

Lokpriy ...