लूट का माल थैले में भरकर
पुलिस से बच कर भागता एक लुटेरा
मंदिर के अहाते में घुस कर
ईश्वर से बोला-
मैं शरणागत हूँ,
मेरी और मेरे धन की
रक्षा करो भगवन !
कुछ देर बाद
मंदिर की उन्हीं सीढ़ियों पर
नंगे पाँव दौड़ता एक सिपाही
अपनी बंदूख को अदब से
परिसर के बाहर टिका कर
दाखिल हुआ भीतर और बोला-
मुझे शक्ति दो प्रभु,
कि मैं दुष्टों और आतताइयों से
रक्षा कर सकूं
तुम्हारे भक्तों की जान और
उनके माल की !
जारी है जंग इस तरह
हमेशा, हर-एक के बीच
देखें, ईश्वर किसका है?
पुलिस से बच कर भागता एक लुटेरा
मंदिर के अहाते में घुस कर
ईश्वर से बोला-
मैं शरणागत हूँ,
मेरी और मेरे धन की
रक्षा करो भगवन !
कुछ देर बाद
मंदिर की उन्हीं सीढ़ियों पर
नंगे पाँव दौड़ता एक सिपाही
अपनी बंदूख को अदब से
परिसर के बाहर टिका कर
दाखिल हुआ भीतर और बोला-
मुझे शक्ति दो प्रभु,
कि मैं दुष्टों और आतताइयों से
रक्षा कर सकूं
तुम्हारे भक्तों की जान और
उनके माल की !
जारी है जंग इस तरह
हमेशा, हर-एक के बीच
देखें, ईश्वर किसका है?
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