Friday, June 13, 2014

फिल्मों में प्रवेश का आसान रास्ता

महानगर में एक अभिनय संस्थान खुला।  फिल्मों का क्रेज़ तो है ही, लिहाज़ा बहुत से युवाओं ने प्रवेश भी ले लिया।  शुरू हो गई ट्रेनिंग।  इंस्टीट्यूट ने बड़े-बड़े दावे किये कि  वे अभिनय के गुर सिखाने के साथ-साथ फिल्मों में एंट्री पाने के रास्ते भी बताएँगे।
रोज़ क्लास लगती, बड़े-बड़े नामी लोग प्रशिक्षण देने आते।  प्रशिक्षणार्थियों को अपना भविष्य सुनहरा नज़र आने लगता।
प्रशिक्षक ने एक युवक से पूछा- तुम्हारे पिता की हाइट कितनी है? "पिता की हाइट से इन्हें क्या मतलब?" सोचते हुए युवक ने पिता की ऊंचाई बतादी।
दूसरे युवक से उन्होंने पूछा- तुम्हारे पिता डांस कैसा करते है? "अरे, पिता की उम्र कोई डांस करने की है" यह सोच कर हैरान होते युवक ने कहा- वे शादी-ब्याह में नाच लेते हैं।
तीसरे युवक से उन्होंने पूछा-तुम्हारे पिता कराटे या कुंगफू तो जानते ही होंगे।  युवक शरमा कर बोला- कभी उन पर हमला करके देखा नहीं।
ट्रेनर ने चौथे लड़के से पूछा - तुम्हारी मम्मी जब घर छोड़ने की धमकी देती हैं तो तुम्हारे डैडी इमोशनल होकर उन्हें कैसे मनाते हैं?
अब लड़कों से रहा नहीं गया, उनके सब्र का बाँध टूट गया।  सब एक साथ बोल पड़े-"सर, आप एक्टिंग हमसे करवाएंगे या हमारे पापा से?"
-"बिलकुल ठीक, हम आपके डैडी को ही स्टार बनाएंगे" ट्रेनर ने कहा। वह बोला- "आपके पापा स्टार बन जायेंगे तो आप भी 'स्टार सन' बन जायेंगे,फिर आपको लॉन्च करना आसान हो जायेगा, आप ऑटोमेटिक हीरो बन जायेंगे।"          

4 comments:

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...