ये सवाल आपको भी मथ रहा होगा कि जब दुनिया के तमाम देश फुटबॉल को लेकर दुनिया को गुँजाये हुए हैं तो हम चुप क्यों हैं? क्या हमारे जाँबाज़ नौजवानों में ग्यारह भी ऐसे नहीं हैं जो खेल के मैदान पर सूरज सी बॉल को नचा सकें?
आपको पता है, कुछ लोग इसके लिए भी प्रधान मंत्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि मोदीजी ने "पैर" छूने को मना किया था, फिर हमारे खिलाड़ी बॉल को पाँव कैसे छुआते?
आपको पता है, कुछ लोग इसके लिए भी प्रधान मंत्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि मोदीजी ने "पैर" छूने को मना किया था, फिर हमारे खिलाड़ी बॉल को पाँव कैसे छुआते?
:)
ReplyDeleteAchchha laga.
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