रेस जब होती है, तो जीती भी जाती है, हारी भी जाती है। जीतने वाले भी कुछ सीखते हैं, रेस से, और हारने वाले भी। क्या आपने कभी सोचा है, कि कभी-कभी हारने वाले जीतने वालों से ज्यादा भाग्यशाली होते हैं।
कैसे?
तो सुनिए, जीतने वाले जो बहुत सारी चीज़ें जीतते हैं, उनमें एक चीज़ होती है ईर्ष्या। और हारने वाले जो बहुत सारी चीज़ें जीतते हैं, उनमें एक चीज़ होती है- सहानुभूति। अब आप खुद तय कीजिये, कि ईर्ष्या और सहानुभूति में से कौन सी चीज़ ज्यादा काम की है?
एक रेस वह भी होती है, जिसमें दौड़ा नहीं जाता, बल्कि दौड़ाया जाता है।
कभी वैजयंती माला, सुनील दत्त, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, दीपिका, गोविंदा, जया बच्चन, जयाप्रदा , हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र, शत्रुघ्न सिन्हा, लता मंगेशकर, ...और चेतन चौहान, नवजोत सिद्धू इस रेस में शामिल रहे हैं।
दुनिया एक रेस है, और रेस कभी नहीं थमती। रेखा और सचिन जैसी हस्तियों के हाथ में रेस का परचम आया है...यह रेस बहुत ऊंचाइयों तक जाय, ऐसी शुभकामनायें ...
कैसे?
तो सुनिए, जीतने वाले जो बहुत सारी चीज़ें जीतते हैं, उनमें एक चीज़ होती है ईर्ष्या। और हारने वाले जो बहुत सारी चीज़ें जीतते हैं, उनमें एक चीज़ होती है- सहानुभूति। अब आप खुद तय कीजिये, कि ईर्ष्या और सहानुभूति में से कौन सी चीज़ ज्यादा काम की है?
एक रेस वह भी होती है, जिसमें दौड़ा नहीं जाता, बल्कि दौड़ाया जाता है।
कभी वैजयंती माला, सुनील दत्त, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, दीपिका, गोविंदा, जया बच्चन, जयाप्रदा , हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र, शत्रुघ्न सिन्हा, लता मंगेशकर, ...और चेतन चौहान, नवजोत सिद्धू इस रेस में शामिल रहे हैं।
दुनिया एक रेस है, और रेस कभी नहीं थमती। रेखा और सचिन जैसी हस्तियों के हाथ में रेस का परचम आया है...यह रेस बहुत ऊंचाइयों तक जाय, ऐसी शुभकामनायें ...
सही है, आखिर में सबकी बैलेंसशीट बराबर!
ReplyDeleteकबिरा गर्व न कीजिये ऊँचे देख आवास
सांझ पड़े भूंइ लोटना, ऊपर जामे घास
बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।