मैं अपने एक मित्र के यहाँ गया। चाय पीते हुए उनकी पत्नी अपने देवर और देवरानी को याद करने लगीं, जिनका कुछ दिनों पूर्व एक कार -दुर्घटना में निधन हो गया था। बोलीं- उनकी शादी को चौबीस साल हुए थे, बेचारे शादी की 25वीं साल-गिरह भी नहीं मना सके।
मुझे लगा, क्या ख़ुशी मनाने के लिए 25वें या 50वें साल का ही एकाधिकार है? खुशियाँ तो आप लगातार मना सकते हैं। सालगिरह तो हर साल आती है, और साधारण नहीं, विशेष ...बिलकुल ख़ास, जिसे आप पूरे उल्लास से मना सकते हैं-
पहले साल "पेपर जुबली " मनाइए।
दूसरे साल "कॉटन जुबली" का आनंद लीजिये।
तीसरा साल "लेदर जुबली" का होगा।
चौथे साल को "वुड जुबली" के रूप में यादगार बनाइये।
छठे साल आपको "आयरन जुबली" अर्थात लौह जयंती मनानी है।
सातवाँ साल आपकी "वूल जुबली" लेकर आएगा।
आठवें साल को "ब्रोंज जुबली" के रूप में दर्ज कर लीजिये।
नवें साल आपको अपनी " पोटरी जुबली" मनानी है।
दसवें साल को "टिन जुबली" के रूप में एन्जॉय कीजिये।
ग्यारहवें साल फिर "स्टील जुबली" होगी।
बारहवां साल "सिल्क जुबली" लेकर आएगा।
तेरहवें साल को अशुभ बिलकुल मत समझिये, यह आपकी "लेस जुबली" है।
चौदहवें साल में आपके सामने आपकी "आइवरी जुबली" आएगी।
पन्द्रहवें साल आपको मनानी है अपनी "क्रिस्टल जुबली"1
खुशियाँ मनाते-मनाते थक गए हों, तो एक दशक आराम कीजिये, और फिर मनाइए जोर-शोर से "सिल्वर जुबली"1
30वें साल आपको 'पर्ल जुबली', 35वें साल 'कोरल जुबली', 40वें साल 'रूबी जुबली', 45वें साल 'सफायर जुबली' और तब 50वें साल में "गोल्डन जुबली" मनानी है। आपकी खुशियों पर कभी विराम न लगे- मनाते जाइये- 55वें साल में 'एमराल्ड जुबली', 60वें साल में "डायमंड जुबली" 75 वें साल में "प्लेटिनम जुबली" और 100वें साल में "सेंचुरी"
और फिर तो आपका हर लम्हा सचिन तेंदुलकर के शतक के समान है।
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