किसी समय पंजाब बहुत बड़ा राज्य था। वैसे बड़े दिल वाला राज्य ये अब भी है। तो इस बड़े पंजाब का एक हिस्सा विभाजन के समय परदेसी हो गया। फिर हिमाचल बना। हरियाणा बना। एक हिस्सा चंडीगढ़ अब भी अलग अस्तित्व लेकर कायम है।
इस पंजाब की अनेकों विशेषताओं के साथ-साथ एक खास बात ये भी है कि इसने हिंदी फिल्म जगत को "हीरो" दिए हैं।
कितने?
यदि गिनना ही चाहें तो बेहतर यह होगा कि पहले सारे नायकों की एक सूची बना लें फिर उसमें से इक्का-दुक्का उन्हें हटा दें जो पंजाब से नहीं हैं। बन गयी पंजाब के नायकों की सूची।
अचम्भे की बात ये है कि इसी पंजाब ने हीरोइनें नहीं के बराबर दीं।
हीरोइनें दीं मद्रास यानी तमिलनाडू ने।
उत्तर-दक्षिण की एकता की इससे बेहतर मिसाल और क्या होगी?
राजकपूर, देवानंद, दिलीप कुमार की तिकड़ी हो, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, मनोज कुमार का तिगड्डा हो,राजेश खन्ना,धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र या विनोद खन्ना की बात हो, पंजाब की फसल बोलती है।
अमिताभ के इस पार तो जैसे सीमायें टूट सी गयीं।
शाहरुख़,आमिर,ऋतिक,सलमान और अक्षय तो पूरे भारत अर्थात सब जगह के हैं।
और उसके बाद के नायकों को तो नई पीढ़ी अपने मोहल्ले का समझती है।
इस पंजाब की अनेकों विशेषताओं के साथ-साथ एक खास बात ये भी है कि इसने हिंदी फिल्म जगत को "हीरो" दिए हैं।
कितने?
यदि गिनना ही चाहें तो बेहतर यह होगा कि पहले सारे नायकों की एक सूची बना लें फिर उसमें से इक्का-दुक्का उन्हें हटा दें जो पंजाब से नहीं हैं। बन गयी पंजाब के नायकों की सूची।
अचम्भे की बात ये है कि इसी पंजाब ने हीरोइनें नहीं के बराबर दीं।
हीरोइनें दीं मद्रास यानी तमिलनाडू ने।
उत्तर-दक्षिण की एकता की इससे बेहतर मिसाल और क्या होगी?
राजकपूर, देवानंद, दिलीप कुमार की तिकड़ी हो, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, मनोज कुमार का तिगड्डा हो,राजेश खन्ना,धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र या विनोद खन्ना की बात हो, पंजाब की फसल बोलती है।
अमिताभ के इस पार तो जैसे सीमायें टूट सी गयीं।
शाहरुख़,आमिर,ऋतिक,सलमान और अक्षय तो पूरे भारत अर्थात सब जगह के हैं।
और उसके बाद के नायकों को तो नई पीढ़ी अपने मोहल्ले का समझती है।
Aapka Dhanyawad
ReplyDelete