कुछ साल पहले भारत के तीन राज्यों को 'बहुत बड़ा' कह कर विभाजित किया गया था. इस कदम को प्रशासनिक सुगमता की द्रष्टि से अच्छा भी माना गया.इन राज्यों से निकले टुकड़ों ने विकास में तत्परता भी दिखाई है.
अब इसी पूर्व-विभाजित उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े करने की बात कही जा रही है. यदि यह केवल तेज़ी से विकास करने के लिए और प्रशासन की छोटी इकाइयों में बांटने के लिए किया जा रहा है, तो इसमें कोई बुराई नहीं दिखती.लेकिन इन परिस्थितियों के पीछे एक बहुत बड़ा सच और छिपा है, इसे नकारा नहीं जा सकता.
पिछले साठ सालों में विज्ञानं और तकनीक ने जो प्रगति की है वह यदि किसी जगह ठीक से अपनाई न जाये तभी यह स्थिति आ सकती है कि राज्य बड़े दिखाई दें. वरना तो दुनिया दिनोदिन छोटी हो रही है.कई देशों ने तो हजारों मील दूर जाकर सत्ता सम्हाली है.
अब घर-घर में ही नहीं, हर आदमी के पास फोन है. तकनीक के सहारे एक देश में बैठा आदमी दूसरे देश के आदमी से आमने-सामने बात कर सकता है. पलक झपकते ही दुनिया को जोड़ने वाले संचार और हवा को मात देने वाले यातायात के साधन उपलब्ध हैं. ऐसे में शासन के लिए देशों,राज्यों या शहरों को तोड़ना केवल वहीँ हो सकता है, जहाँ सत्ताधीश हर सुबह अपने हर अधिकारी-कर्मचारी को हाथ में गुलदस्ते लेकर अपने दरवाजे पर खड़ा देखने के आदी हों.कमरे अलग होना,कहीं रसोई अलग हो जाने का कारण न बनें?
अब इसी पूर्व-विभाजित उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े करने की बात कही जा रही है. यदि यह केवल तेज़ी से विकास करने के लिए और प्रशासन की छोटी इकाइयों में बांटने के लिए किया जा रहा है, तो इसमें कोई बुराई नहीं दिखती.लेकिन इन परिस्थितियों के पीछे एक बहुत बड़ा सच और छिपा है, इसे नकारा नहीं जा सकता.
पिछले साठ सालों में विज्ञानं और तकनीक ने जो प्रगति की है वह यदि किसी जगह ठीक से अपनाई न जाये तभी यह स्थिति आ सकती है कि राज्य बड़े दिखाई दें. वरना तो दुनिया दिनोदिन छोटी हो रही है.कई देशों ने तो हजारों मील दूर जाकर सत्ता सम्हाली है.
अब घर-घर में ही नहीं, हर आदमी के पास फोन है. तकनीक के सहारे एक देश में बैठा आदमी दूसरे देश के आदमी से आमने-सामने बात कर सकता है. पलक झपकते ही दुनिया को जोड़ने वाले संचार और हवा को मात देने वाले यातायात के साधन उपलब्ध हैं. ऐसे में शासन के लिए देशों,राज्यों या शहरों को तोड़ना केवल वहीँ हो सकता है, जहाँ सत्ताधीश हर सुबह अपने हर अधिकारी-कर्मचारी को हाथ में गुलदस्ते लेकर अपने दरवाजे पर खड़ा देखने के आदी हों.कमरे अलग होना,कहीं रसोई अलग हो जाने का कारण न बनें?
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