ये कैसा कथन है?
दुनिया में इंसान के बिना क्या है? दुनिया का कौनसा ऐसा काम है जो इंसान के बिना होता है? करोड़ों सालों से ब्रह्माण्ड में कितने ही ऐसे ग्रह-नक्षत्र हैं, जो तरह-तरह की शक्तियां और प्राकृतिक ऊर्जा लेकर भी आकाश में सूने झूल रहे हैं, क्योंकि वहां इंसान नहीं है. उनका नाम रखने वाला तक कोई नहीं है, क्योंकि वहां इंसान नहीं है. इसका मतलब दुनिया में इंसान यानि आदमी ही सब कुछ है.
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि स्विस फाउंडेशन ने ५ साल में १० लाख लोगों की राय से २२० देशों के ४४० स्थानों में से जिन "सात आश्चर्यों" को चुना है, वे सभी इंसानी मदद के बिना ही बने हैं.
चालीस हज़ार से ज्यादा किस्मों के पेड़-पौधे,तीन हज़ार से अधिक प्रजातियों की मछलियाँ और लगभग चार सौ तरह के रेंगने वाले जीव, इनमें से किसी का भी इंसानों से कोई लेना-देना नहीं. ब्राज़ील, वेनेज़ुएला, इक्वेडोर और पेरू की अरबों एकड़ ज़मीन में फैला यह नज़ारा दुनिया का सबसे आश्चर्यजनक स्थान आँका गया है.अमेज़न का यह जंगल किसी भी इंसान की मिल्कियत का हिस्सा नहीं है.
अब इस पर इंसान की नज़रे-इनायत हुई है, देखें, कब तक बचती है इसकी साख और धाक?
दुनिया में इंसान के बिना क्या है? दुनिया का कौनसा ऐसा काम है जो इंसान के बिना होता है? करोड़ों सालों से ब्रह्माण्ड में कितने ही ऐसे ग्रह-नक्षत्र हैं, जो तरह-तरह की शक्तियां और प्राकृतिक ऊर्जा लेकर भी आकाश में सूने झूल रहे हैं, क्योंकि वहां इंसान नहीं है. उनका नाम रखने वाला तक कोई नहीं है, क्योंकि वहां इंसान नहीं है. इसका मतलब दुनिया में इंसान यानि आदमी ही सब कुछ है.
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि स्विस फाउंडेशन ने ५ साल में १० लाख लोगों की राय से २२० देशों के ४४० स्थानों में से जिन "सात आश्चर्यों" को चुना है, वे सभी इंसानी मदद के बिना ही बने हैं.
चालीस हज़ार से ज्यादा किस्मों के पेड़-पौधे,तीन हज़ार से अधिक प्रजातियों की मछलियाँ और लगभग चार सौ तरह के रेंगने वाले जीव, इनमें से किसी का भी इंसानों से कोई लेना-देना नहीं. ब्राज़ील, वेनेज़ुएला, इक्वेडोर और पेरू की अरबों एकड़ ज़मीन में फैला यह नज़ारा दुनिया का सबसे आश्चर्यजनक स्थान आँका गया है.अमेज़न का यह जंगल किसी भी इंसान की मिल्कियत का हिस्सा नहीं है.
अब इस पर इंसान की नज़रे-इनायत हुई है, देखें, कब तक बचती है इसकी साख और धाक?
प्रकृति से बड़कर कोई हो सका है क्या ?
ReplyDeletesahi hai insaan prakarti par nirbhar hai prakarti insaan par nahi.
ReplyDeleteaapki bhavnayen uttarottar failen. samarthan ke liye aabhar.
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