Tuesday, April 29, 2014

समर्थन हाउस

हम दुनिया के सारे रंगों का समर्थन करते हैं.
हम दुनिया की सारी नस्लों का समर्थन करते हैं.
हम हवा, पानी, धरती, आकाश, धूप, छाँव, बरखा सब का समर्थन करते हैं.
जो हमसे प्रेम करे, जो हमसे नफ़रत करे,जो हमारा नुक़सान करे, जो हमें नफ़ा पहुंचाए, हम उन सभी का समर्थन करते हैं.
जो हमारे साथ आये, जो हमसे दूर भागे, जो हमसे डरे, जो हमें डराए, हम सभी का समर्थन करते हैं.
जो मांगे, जो न मांगे, हम उसका भी समर्थन करते हैं.
जो न ले, हम जबरदस्ती उसका समर्थन करते हैं.
हम ईस्ट,वेस्ट,नॉर्थ,साउथ सभी का समर्थन करते हैं.
हम लेफ्ट-राइट, ढीले-टाइट सबका समर्थन करते हैं.
हम बटेरों, ठठेरों, लुटेरों, कठोरों का समर्थन करते हैं.
हम मूक - वाचाल - चपल- लम्पट- संत- ज्ञानी-ध्यानी-तपस्वी-सिद्ध-प्रसिद्ध सभी का समर्थन करते हैं.
जो हमसे पहले थे, जो हमारे बाद होंगे, हम उनका समर्थन करते हैं.   
हम सभी वादों, इज़्मों,सिद्धांतों, सिद्धान्त-हीनताओं का समर्थन करते हैं.
हम रईस-फ़कीर-फक्कड़-अक्कड़-शक्की- झक्की-सीधों-टेढ़ों-वक्रों-चक्रों का समर्थन करते हैं. 
… हमारा इम्तहान मत लो, हमने हमेशा सीने पर गुलाब टाँगे  हैं, "कमल" का समर्थन ? हर्गिज़ नहीं!
"जो तोको झाड़ू धरै, ताहि दे तू समर्थन 
साम-दाम चलता रहे सत्ता-मंच पे नर्तन !"        

2 comments:

  1. सत्या वचन! मिलती-जुलती बात, बाबा नागार्जुन के शब्दों में:
    ॐ द‌लों में एक द‌ल अप‌ना द‌ल
    ॐ अंगीक‌रण, शुद्धिक‌रण, राष्ट्रीयक‌रण
    ॐ मुष्टिक‌रण, तुष्टिक‌रण‌, पुष्टिक‌रण
    ॐ ऎत‌राज़‌, आक्षेप, अनुशास‌न
    ॐ ग‌द्दी प‌र आज‌न्म व‌ज्रास‌न
    ॐ ट्रिब्यून‌ल‌, आश्वास‌न
    गुट‌निरपेक्ष, स‌त्तासापेक्ष जोड़‌-तोड़‌
    ॐ ब‌क‌वास‌, ॐ उद‌घाट‌न‌
    ॐ मारण मोह‌न उच्चाट‌न‌
    ॐ छ‌ल‌-छंद‌ मिथ्या होड़‌म‌होड़

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