एक बार वन में एक पेड़ पर बैठे-बैठे कुछ पंछियों में इस बात पर बहस हो गई कि आखिर दुनिया बनाई ही क्यों गई है, इसका मकसद क्या है?
एक छोटी सी सुन्दर चिड़िया ने चहक कर कहा- "दुनिया इसलिए बनी है ताकि सब इसमें गा सकें। जो भी चाहे, जब भी चाहे, गुनगुनाये"
कौवे को ये बात बिलकुल नहीं जँची। उपेक्षा से बोला, दुनिया में ढेरों काम हैं, केवल गाने से क्या? दुनिया तो इसलिए बनाई गई है, ताकि जिसके पास जो चीज़ न हो, वह उसे दूसरों से छीन ले।
तभी तोते की आवाज़ आई- " धूर्त,ये दुनिया छीना-झपटी का अड्डा नहीं है, ये सबके एक साथ आराम से रहने के लिए बनी है।"
सब चौंके, क्योंकि अब आवाज़ पेड़ के नीचे से आ रही थी। नीचे घूमता हुआ मुर्गा कह रहा था-"क्यों बेकार की बहस कर रहे हो, देखते नहीं, दुनिया तरह-तरह की चीज़ों को खाने के लिए बनाई गई है।"
चहक कर मैना बोली- "तुम इसी लालच में मारे गए,सब लोग हम में से किसी को नहीं खाते, सबके मुंह में तुम्हें देखते ही पानी आता है।"
:)
ReplyDeletekya waakyi duniya waisi hi hai jaisa hum sochte ya karte hain...?
Ham vaisa hi sochen ya karen, jaisi duniya hai.
ReplyDelete