कल मैं पीज़ा की बात करते-करते फिल्मों की बात करने लगा, तो पढ़ने वालों को ऐसा लगना स्वाभाविक ही था कि कहीं कोई भूल हो गई। अब मैं फिरसे बताता हूँ कि मैं क्या कह रहा था।
मैं कह रहा था कि यदि हम केवल आज के दर्शकों की राय के आधार पर यह जानेंगे कि पिछले सौ सालों में सबसे अच्छा क्या था, तो शायद उस समय के साथ न्याय नहीं हो पायेगा जो बहुत पहले बीत गया। यह ठीक है कि आज कई उम्रदराज़ लोग भी मौजूद हैं, जो पुरानी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, पर उनमें से "वोट" कितने देंगे? और वोटिंग में तो एक-एक वोट से परिणाम बदल जाता है। वैसे ही, जैसे उदाहरण के रूप में हम आज के लोगों से उनके पसंदीदा भारतीय व्यंजन का नाम पूछें तो वे पीज़ा का नाम ले लेंगे,इस बात की परवाह किये बिना, कि वह कहाँ का व्यंजन है। दूसरे, उन्हें बहुत से उन व्यंजनों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी जो सालों पूर्व लोकप्रिय रहे होंगे।
यह विचार मुझे इसलिए आया कि एक साइट पर मैंने "सौ साल की सर्वश्रेष्ठ हीरोइन" के चयन नामांकन देखे। वहां कामिनी कौशल का नाम था, पर माला सिन्हा, निरुपाराय, सुचित्रा सेन, राखी गुलज़ार का नाम नहीं था। नीतू सिंह का नाम था, पर जयाप्रदा , रीना राय, दीप्ति नवल का नाम नहीं था। मीनाक्षी शेषाद्रि का नाम था, पर पद्मिनी कोल्हापुरे, रति अग्निहोत्री का नाम नहीं था। और दीपिका पादुकोणे का नाम था, पर प्रियंका चोपड़ा का नाम नहीं था।
मैं कह रहा था कि यदि हम केवल आज के दर्शकों की राय के आधार पर यह जानेंगे कि पिछले सौ सालों में सबसे अच्छा क्या था, तो शायद उस समय के साथ न्याय नहीं हो पायेगा जो बहुत पहले बीत गया। यह ठीक है कि आज कई उम्रदराज़ लोग भी मौजूद हैं, जो पुरानी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, पर उनमें से "वोट" कितने देंगे? और वोटिंग में तो एक-एक वोट से परिणाम बदल जाता है। वैसे ही, जैसे उदाहरण के रूप में हम आज के लोगों से उनके पसंदीदा भारतीय व्यंजन का नाम पूछें तो वे पीज़ा का नाम ले लेंगे,इस बात की परवाह किये बिना, कि वह कहाँ का व्यंजन है। दूसरे, उन्हें बहुत से उन व्यंजनों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी जो सालों पूर्व लोकप्रिय रहे होंगे।
यह विचार मुझे इसलिए आया कि एक साइट पर मैंने "सौ साल की सर्वश्रेष्ठ हीरोइन" के चयन नामांकन देखे। वहां कामिनी कौशल का नाम था, पर माला सिन्हा, निरुपाराय, सुचित्रा सेन, राखी गुलज़ार का नाम नहीं था। नीतू सिंह का नाम था, पर जयाप्रदा , रीना राय, दीप्ति नवल का नाम नहीं था। मीनाक्षी शेषाद्रि का नाम था, पर पद्मिनी कोल्हापुरे, रति अग्निहोत्री का नाम नहीं था। और दीपिका पादुकोणे का नाम था, पर प्रियंका चोपड़ा का नाम नहीं था।
तरस आता है ऐसी सूची बनाने वालों के ज्ञान पर। लेकिन उनके अज्ञान से उनका अपना कोई नुकसान नहीं होता है
ReplyDelete(... वैसे ये भी संयोग है कि उस पोस्ट में तीन टिप्पणियाँ दिख रही थीं मगर मेरी टिप्पणी गायब थी। शायद स्पैम मे चली गई होगी।)
Main yahi soch raha tha ki itne din se aapse mulakaat kyon nahin hui.Dhanyawaad.
ReplyDeleteMain yahi soch raha tha ki itne din se aapse mulakaat kyon nahin hui.Dhanyawaad.
ReplyDeleteसही में आज की पोस्ट से आपकी बात स्पष्ट हुई.
ReplyDeleteबाकि शर्मा जी सही कह रहे हैं, अज्ञान से उनका अपना कोई नुक्सान नहीं होता है.....