एक बार ईश्वर कहीं से गुजर रहा था कि राह में उसे एक बच्चा मिला। ईश्वर ने बच्चे को अपना परिचय दिया और कहा कि मैं इसी तरह अपनी दुनिया देखने आता हूँ।
बच्चे ने पूछा, आप इतने सतर्क हैं तो दुनिया इतनी खराब क्यों है?
ईश्वर ने आश्चर्य से कहा- "क्या खराबी है, तुम मुझे झटपट बताओ, मैं तत्काल कुछ करूँगा।"
बच्चा बोला- "देखो, अभी सुबह की ही बात है, पापा चॉकलेट लाये थे, पर मेरी बहन ने बड़ी वाली तो खुद रख ली, और छोटी मुझे देदी।"
"ओह, तो ये बात है", ईश्वर ने कहा-"देखो, चॉकलेट मजेदार तो थी, पर उस से कभी-कभी दांत भी खराब हो जाते हैं, इसलिए तुम तो खुश हो जाओ, कि दीदी के दांत ज़्यादा खराब होंगे, तुम्हारे कम।"
बच्चा बोला-"अच्छा, तो तुम भी अपने को ऐसे ही समझाते हो?"
ईश्वर निरुत्तर होकर आगे बढ़ गया।
बच्चे ने पूछा, आप इतने सतर्क हैं तो दुनिया इतनी खराब क्यों है?
ईश्वर ने आश्चर्य से कहा- "क्या खराबी है, तुम मुझे झटपट बताओ, मैं तत्काल कुछ करूँगा।"
बच्चा बोला- "देखो, अभी सुबह की ही बात है, पापा चॉकलेट लाये थे, पर मेरी बहन ने बड़ी वाली तो खुद रख ली, और छोटी मुझे देदी।"
"ओह, तो ये बात है", ईश्वर ने कहा-"देखो, चॉकलेट मजेदार तो थी, पर उस से कभी-कभी दांत भी खराब हो जाते हैं, इसलिए तुम तो खुश हो जाओ, कि दीदी के दांत ज़्यादा खराब होंगे, तुम्हारे कम।"
बच्चा बोला-"अच्छा, तो तुम भी अपने को ऐसे ही समझाते हो?"
ईश्वर निरुत्तर होकर आगे बढ़ गया।
बहुत खूब ... आप भी ऐसे ही समझाते हो ...
ReplyDeleteDhanyawaad.
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