Saturday, August 25, 2012

दुनिया फरिश्तों से खाली नहीं होगी

     हमारा अतीत गवाह है कि  यह धरती पिशाचों से तो बार-बार खाली हुई है मगर फरिश्तों ने आना नहीं छोड़ा है।
     "एक आदमी सड़क के किनारे बड़े से ड्रम में पानी रख कर नहा रहा था। उसके हाथ में एक मग था, जिससे पानी निकाल-निकाल कर वह बदन पर डाल  रहा था।
      आदमी सड़क पर काम करने वाला कोई मजदूर था, उसे जल्दी में यह भी ध्यान नहीं रहता था कि  वह कभी मग को मिट्टी  में रख देता, कभी कीचड़ में। इस से पानी और भी गन्दा हो जाता था। पर वह बेखबर होकर उसी पानी से नहाता रहा।
      उस आदमी से थोड़ी ही दूरी पर एक बच्चा बैठा खेल रहा था। बच्चा खेल-खेल में न जाने कहाँ से एक नमक की डली जैसा पत्थर उठा लाया था और उसी से खेल रहा था।
     खेल-खेल में बच्चे ने वह सफ़ेद पत्थर पानी के ड्रम में डाल  दिया। वह फिटकरी थी। थोड़ी देर में पानी की गंदगी नीचे बैठ गई, और पानी साफ़ हो गया। "

3 comments:

  1. क्यूंकि ये दुनिया टिकी है,,कुछ चंद लोगों के दम पर,जिनके अंदर फरिश्ता रहते हैं |

    Recent post-"ऐसे भी होते हैं |"

    ReplyDelete
  2. Aap ye baat bahut achchhi tarah jaante hain, kal maine aapki kahani "SUGNI"padhi thi.

    ReplyDelete
  3. :) याद रखने की बात है।
    !

    ReplyDelete

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...