अलीगढ़ को कोलकाता से दावत मिली है। ममता बैनर्जी ने तीन सौ एकड़ ज़मीन अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय का परिसर बंगाल में बनाने के लिए दी है।
शिक्षा तो खैर ठीक है, कोई भी कहीं भी ले सकता है। एमआईटी तक अपनी शिक्षा ओपन लर्निंग से विश्व भर में दे रहा है। उसके लिए उपजाऊ दिमाग चाहिए, उपजाऊ महँगी ज़मीन नहीं।
तो क्या कोलकाता का ऑफर यूँही है?
कल्पना कीजिये, कि इसकी जगह यदि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का परिसर वहां बन जाए, तो क्या उच्च शिक्षा पोषित होगी ? नहीं, तब नहीं होगी। आदमी-आदमी की बात होती है, संस्था-संस्था की बात होती है, जगह-जगह की बात होती है और नीयत-नीयत की बात होती है।
शिक्षा तो खैर ठीक है, कोई भी कहीं भी ले सकता है। एमआईटी तक अपनी शिक्षा ओपन लर्निंग से विश्व भर में दे रहा है। उसके लिए उपजाऊ दिमाग चाहिए, उपजाऊ महँगी ज़मीन नहीं।
तो क्या कोलकाता का ऑफर यूँही है?
कल्पना कीजिये, कि इसकी जगह यदि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का परिसर वहां बन जाए, तो क्या उच्च शिक्षा पोषित होगी ? नहीं, तब नहीं होगी। आदमी-आदमी की बात होती है, संस्था-संस्था की बात होती है, जगह-जगह की बात होती है और नीयत-नीयत की बात होती है।
नीयत-नीयत की बात होती है। धर्मनिरपेक्षता भी तो कुछ चीज है जो सिर्फ़ एक ही कौम देखती है।
ReplyDelete