लगता है कि कुछ चीज़ें अब किसी के बस में नहीं रह गईं हैं.महिलाओं से कहा जा रहा है कि वे पुरुषों की ऐसी वैसी टिप्पणियों पर ध्यान 'न' देना सीखें. पुलिस सम्पन्न लोगों से कह रही है कि अपनी कीमती चीज़ों की सुरक्षा वे अपने साधनों से करें.क्या यह असामाजिकता का सार्वजानिक स्वीकार नहीं है ? कहीं ऐसा तो नहीं ,कि हम सभ्यता से ऊब गए हैं ? अमेरिका में यदि ऐसी घटनाओं पर राष्ट्र ध्वज आधा झुकाया जा सकता है तो यह सम्मान और सरोकार को सलाम करना ही है .
प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
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हम मेज़ लगाना सीख गए!
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Lokpriy ...
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जयपुर के ज्योति विद्यापीठ महिला विश्व विद्यालय की प्रथम वाइस-चांसलर,देश की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक-शिक्षाविद प्रोफ़ेसर रेखा गोविल को "शिक्...
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1. Abdul Bismillah 2. Abhimanyu Anat 3. Ajit Kumar 4. Alok Puranik 5. Amrit lal Vegad 6. Anjana Sandheer 7. Anurag Sharma"Smart ...
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निसंदेह यदि कुत्ता सुस्त होगा तो लोमड़ी क्या,बिल्ली भी उस पर झपट्टा मार देगी। आलसी कुत्ते से चिड़िया भी नहीं डरती, लोमड़ी की तो बात ही क्या...
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जब कोई किसी भी बात में सफल होता है तो उसकी कहानी उसकी "सक्सेज़ स्टोरी" के रूप में प्रचलित हो जाती है। लेकिन यदि कोई अपने मकसद...
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"राही रैंकिंग -2015" हिंदी के 100 वर्तमान बड़े रचनाकार रैंक / नाम 1. मैत्रेयी पुष्पा 2. नरेंद्र कोहली 3. कृष्णा सोबती 4....
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कुछ लोग समझते हैं कि केवल सुन्दर,मनमोहक व सकारात्मक ही लिखा जाना चाहिए। नहीं-नहीं,साहित्य को इतना सजावटी बनाने से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं ह...
ऐसी कोशिशें खतरनाक हैं चेतना जगाने की आवश्यकता और बढ रही है। सुज्ञ जी भी इसी विषय पर बात करते दिख रहे हैं यहाँ: http://shrut-sugya.blogspot.com/2012/08/blog-post_17.html
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