Tuesday, August 14, 2012

उसने दुनिया बदल ली

"तरुंस वर्ल्ड " एक अच्छा ब्लॉग था। मैं कभी-कभी उस पर जाता था। तरुण की कविताओं में बारीक उदासी रची रहती थी। अमेरिका में रहने वाला वह लड़का बेहद बुद्धिमान दिखाई देता था।
   उसकी रचनाओं के भाव-पक्ष को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि  वह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनीयर  होगा। उसकी एक कविता से दुःख टपक रहा था। मैंने उस पर टिप्पणी  भी की थी कि तुम्हारे चेहरे में दुःख छिपा दीखता है, इसे किसी सुख से ढक लो। वह हरियाणा का रहने वाला था।
   यह कोई ज्यादा पुरानी  बात नहीं है,अभी कुछ समय पहले तक तो अपने ब्लॉग पर वह सक्रिय था। लेकिन मैं उसके लिए "था"क्यों कहे जा रहा हूँ ?
   मैं चुप हो जाता हूँ। दो मिनट का मौन आप भी रख लीजिये। उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। हाँ, उसने वर्ल्ड यानी दुनिया बदल ली।
   उसने अपने परिचय,अपने महागमन के कारण और वसीयत में कहा है-
          "मैं छिपाना जानता  तो जग मुझे साधू समझता, मेरा  दुश्मन बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा"     

No comments:

Post a Comment

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...