एक देश के बड़े नेता दूसरे देशों में जाते ही हैं। कभी कोई सम्मलेन होता है, कभी कोई आयोजन, तो कभी व्यक्तिगत निमंत्रण! वहां वे अन्य देशों के बड़े नेताओं और हस्तियों से भी मिलते हैं। उनके सम्मान में विभिन्न आयोजन भी होते हैं।
जब वे वहां से लौटते हैं तो वहां की प्रेस और अन्य मीडिया द्वारा वहां की ख़बरें प्रसारित की जाती हैं, जिससे अपने देश के लोगों को पता चलता है कि वहां उनका कैसी गर्मजोशी से स्वागत हुआ, उन्हें वहां कितनी अहमियत दी गयी, और उन्होंने वहां कैसा प्रभाव छोड़ा।
ग्लोबल मीडिया द्वारा दी गयी कवरेज ऐसे में महत्वपूर्ण भी होती है, और प्रामाणिक भी ,क्योंकि वही पूरी यात्रा का संतुलित और निष्पक्ष विवरण जनता के सामने रखती है।
इधर पिछले कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है, कि यात्रा पर जाने वाले नेतागण अपने साथ यात्रा में भारी-भरकम स्थानीय मीडिया यहीं से लेकर जाते हैं। ऐसे में वहां से यात्रा की छवि भी वही आती है, जो नेताजी चाहें। क्योंकि वहां चाहे जितना भाव मिला हो, उनकी जेब में अपना मैनेज किया मीडिया, अपने चुने छायाकार, अपने साधे हुए स्तंभकार मौजूद रहते हैं। ऐसे में उनकी जो छवि बनती है, उसे विश्वसनीय नहीं माना जा सकता। यदि वे वहां कुछ महत्वपूर्ण करेंगे, तो ग्लोबल या वहां का लोकल मीडिया उन्हें तवज्जो देगा ही ! वहां भी उनके आगे-पीछे वही चैनल घूमेंगे जो यहाँ उनकी आरती गाते हैं, तो जनता को सियाह-सफ़ेद कैसे पता चलेगा?
जब वे वहां से लौटते हैं तो वहां की प्रेस और अन्य मीडिया द्वारा वहां की ख़बरें प्रसारित की जाती हैं, जिससे अपने देश के लोगों को पता चलता है कि वहां उनका कैसी गर्मजोशी से स्वागत हुआ, उन्हें वहां कितनी अहमियत दी गयी, और उन्होंने वहां कैसा प्रभाव छोड़ा।
ग्लोबल मीडिया द्वारा दी गयी कवरेज ऐसे में महत्वपूर्ण भी होती है, और प्रामाणिक भी ,क्योंकि वही पूरी यात्रा का संतुलित और निष्पक्ष विवरण जनता के सामने रखती है।
इधर पिछले कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है, कि यात्रा पर जाने वाले नेतागण अपने साथ यात्रा में भारी-भरकम स्थानीय मीडिया यहीं से लेकर जाते हैं। ऐसे में वहां से यात्रा की छवि भी वही आती है, जो नेताजी चाहें। क्योंकि वहां चाहे जितना भाव मिला हो, उनकी जेब में अपना मैनेज किया मीडिया, अपने चुने छायाकार, अपने साधे हुए स्तंभकार मौजूद रहते हैं। ऐसे में उनकी जो छवि बनती है, उसे विश्वसनीय नहीं माना जा सकता। यदि वे वहां कुछ महत्वपूर्ण करेंगे, तो ग्लोबल या वहां का लोकल मीडिया उन्हें तवज्जो देगा ही ! वहां भी उनके आगे-पीछे वही चैनल घूमेंगे जो यहाँ उनकी आरती गाते हैं, तो जनता को सियाह-सफ़ेद कैसे पता चलेगा?
ITS TRUE
ReplyDeleteएक सफ़ेद सच...|
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