किसी के न रहने पर उसके बारे में बोलते समय उसके बारे में सब अच्छा ही अच्छा कहने का रिवाज़ है। ऐसे में राजेश खन्ना के बारे में कुछ कहते समय गफलत की स्थिति है। क्योंकि यदि तारीफ में कुछ कहा गया तो इसे महज़ परंपरा ही कहा जायेगा। लेकिन उनके बारे में कुछ न कहना और भी गलत होगा।
केवल और केवल स्टार-पुत्रों व स्टार-पुत्रियों की प्रायोजित लॉन्चिंग देखने की आदी नई पीढ़ी शायद नहीं जानती होगी कि वे अखिल भारतीय टेलेंट कंटेस्ट जीत कर लाखों में एक चुन कर आये थे।
उन्होंने हृषिकेश मुखर्जी की फिल्मों को भी इस तरह किया, मानो वे इन्हीं के लिए बने हों, और गुलशन नंदा की लिखी कहानियां - दाग और अजनबी भी इसी तरह कीं, मानो इनका नायक बनने के लिए ही वे थे।
सुमिता सान्याल से लेकर हेमा मालिनी तक वे सहज थे। उनके चेहरे की युवता उन्हें पत्नी डिम्पल की छोटी बहन सिंपल के साथ भी उसी तरह फिट करती थी, जिस तरह उनकी आरंभिक नायिका बबिता की बड़ी बहन साधना के साथ।
वे जब सांसद बन कर संसद में गए तो उन्हें देख कर ऐसा लगता था, कि वे यहाँ शायद ही किसी की सुनें। वे हमेशा वहां रेलवे प्लेटफार्म पर बैठे मुसाफिर नज़र आये।
वे शबाना आज़मी के साथ भी एक्टिंग कर लेते थे, और उनसे टीना मुनीम के साथ भी एक्टिंग हो जाती थी।वे मीना कुमारी को क्रोधित करना जानते थे, और अंजू महेन्द्रू के गुस्से को ठंडा करना भी।
वे अब चले गए।
केवल और केवल स्टार-पुत्रों व स्टार-पुत्रियों की प्रायोजित लॉन्चिंग देखने की आदी नई पीढ़ी शायद नहीं जानती होगी कि वे अखिल भारतीय टेलेंट कंटेस्ट जीत कर लाखों में एक चुन कर आये थे।
उन्होंने हृषिकेश मुखर्जी की फिल्मों को भी इस तरह किया, मानो वे इन्हीं के लिए बने हों, और गुलशन नंदा की लिखी कहानियां - दाग और अजनबी भी इसी तरह कीं, मानो इनका नायक बनने के लिए ही वे थे।
सुमिता सान्याल से लेकर हेमा मालिनी तक वे सहज थे। उनके चेहरे की युवता उन्हें पत्नी डिम्पल की छोटी बहन सिंपल के साथ भी उसी तरह फिट करती थी, जिस तरह उनकी आरंभिक नायिका बबिता की बड़ी बहन साधना के साथ।
वे जब सांसद बन कर संसद में गए तो उन्हें देख कर ऐसा लगता था, कि वे यहाँ शायद ही किसी की सुनें। वे हमेशा वहां रेलवे प्लेटफार्म पर बैठे मुसाफिर नज़र आये।
वे शबाना आज़मी के साथ भी एक्टिंग कर लेते थे, और उनसे टीना मुनीम के साथ भी एक्टिंग हो जाती थी।वे मीना कुमारी को क्रोधित करना जानते थे, और अंजू महेन्द्रू के गुस्से को ठंडा करना भी।
वे अब चले गए।
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