पक्षियों की भाषा का जानकार तो कोई नहीं मिला, लेकिन फिर भी अलग-अलग समय पर जाकर ध्यान से देखने पर इस बात के कुछ कारण ज़रूर मिले कि सारे पक्षी एक ही पेड़ पर क्यों बैठते हैं।
1.पक्षियों में भी आदमियों की तरह 'भेड़चाल'की आदत होती है, एक जहाँ बैठा, बाकी भी उसी को बैठने की जगह समझने लगते हैं।
2.दूसरे पेड़ पर चींटे और मधुमक्खियाँ हैं।
3.एक पेड़ पर 'देवता' का वास है, दूसरे पर 'भूतों' का।
4.एक पेड़ के नीचे खाली मैदान है, दूसरे के नीचे गाय-भैंस बंधी हैं।
5.पहला पेड़ एक किसान की ज़मीन पर है, दूसरा सरकारी ज़मीन पर।
निश्चित रूप से इनमें से कोई एक ही कारण होगा, दूसरे पेड़ पर पक्षियों के न बैठने का, कल तक सामने आ जायेगा।
1.पक्षियों में भी आदमियों की तरह 'भेड़चाल'की आदत होती है, एक जहाँ बैठा, बाकी भी उसी को बैठने की जगह समझने लगते हैं।
2.दूसरे पेड़ पर चींटे और मधुमक्खियाँ हैं।
3.एक पेड़ पर 'देवता' का वास है, दूसरे पर 'भूतों' का।
4.एक पेड़ के नीचे खाली मैदान है, दूसरे के नीचे गाय-भैंस बंधी हैं।
5.पहला पेड़ एक किसान की ज़मीन पर है, दूसरा सरकारी ज़मीन पर।
निश्चित रूप से इनमें से कोई एक ही कारण होगा, दूसरे पेड़ पर पक्षियों के न बैठने का, कल तक सामने आ जायेगा।
वाह बहुत ही अद्दभुत मुद्दे पर लिखा है सोचने वाली बात है मैं तो इनके समूह का स्ट्रांग नियम मानूंगी बाकी कल का इन्तजार रहेगा क्या सामने आता है
ReplyDeletedhanywad, aapka anuman kafi had tak sahi hai, par ek chhota sa kaaran aur bhi hai.
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