Sunday, December 18, 2011

क्या कुश्ती तीन पहलवानों के बीच भी हो सकती है?

एक साथ तीन पहलवानों के बीच मल्ल-युद्ध की आशंका अब कोई अनहोनी नहीं है. क्योंकि अब ऐसा हो रहा है. ये तीन पहलवान कौन-कौन हैं, आप जानते हैं?
ये पहलवान हैं- गुणवत्ता, संख्या और वर्चस्व.
 वैसे ये पहलवान तो दिखाई देने वाले नहीं हैं? फिर इनकी लड़ाई का आनंद कैसे आएगा?
लेकिन आनंद आ रहा है.
आनंद इसलिए आ रहा है, क्योंकि ये पहलवान दिखाई देने वाला चोला पहन के जंग कर रहे हैं. इनके दिखाई देने वाले नाम हैं- अमेरिका, हांगकांग और जापान.
और लड़ाई का मैदान है तकनीकी बाज़ार. फ़िलहाल ताज़ा स्कोर इस प्रकार हैं- नंबर तीन पर चल रहा है जापान, नंबर दो पर अमेरिका है और पहले नंबर पर हांगकांग को 'माना' जा रहा है.माना जा रहा है, इसलिए कहा गया है, क्योंकि फ़िलहाल विजेता अंकों के आधार पर ही बढ़त पर है, उसने 'रनर्स-अप' को चित्त नहीं किया है.
अब बाज़ार में आप 'अंकों' को कितने अंक देते हैं, ये आप पर निर्भर है.
ये ठीक है कि जो जीता वही सिकंदर,लेकिन जो जीतता दिखे उसे अभी सिकंदर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि मामला अभी "अंकों" पर ही है. किसी सांख्यिकी-विद से पूछिए, अंक तो कुछ भी निष्कर्ष निकाल सकते हैं.भारत में तो ऐसे अनेकों उदाहरण भरे पड़े हैं. यहाँ तो महंगाई "घट" रही है.संपदा बढ़ रही है, लोग गरीब हो रहे हैं.
अब एक सवाल आपके लिए- क्या आप बता सकते हैं कि गुणवत्ता, संख्या और वर्चस्व में से कौन, किस खिलाड़ी के चोले में है? उदाहरण के लिए- दर्शक के चोले में तो भारत है.  

2 comments:

  1. Aabharee hoon blog par aagaman aur samarthan pradaan karane kaa.

    sundar aur saarthak pravishti, aabhaar.

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  2. dhanywad. aapne pravishti dhyan se padhee. fir to aap ismen chhipe sawal ka jawab bhi de sakte hain.

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