एक बड़ा पुराना लतीफा है, लेकिन अभी उस के दिन लदे नहीं हैं-सुन लीजिये .एक आदमी ने बैठे-बैठे सोचा कि लोग बारह बजते ही मेरा मजाक उड़ाने लगते हैं,क्या ही अच्छा हो कि मैं आज बारह बजने ही न दूं.
आदमी ने कमर कसी, और शहर के घंटाघर पर चढ़ कर घड़ी के कांटे पर लटक गया.
यह तो पता नहीं, कि उस दिन शहर में बारह बजे या नहीं, लेकिन आदमी के हौसले की सबने खूब तारीफ की.
हिंदी में कहावतों का भंडार है- जितने मुंह उतनी बात, किस-किस का मुंह पकड़ा जाय,लेकिन जिस तरह हिंदी में कहावतें बहुत हैं, उसी तरह हिंद में हौसले वाले भी बहुत हैं. ज़माने भर का मुंह पकड़ना तो इनके बाएं हाथ का खेल है.
कपिल सिब्बल चाहते हैं कि दुनिया सख्त अनुशासन में रहे. दुनिया के सात अरब लोग, उन्हें जो कुछ बोलना हो, पहले सिब्बल जी के कान में बोलें,और जब सिब्बल जी उनके वचनों को पास कर दें, तब वे किसी और से बोलें.
भला बताइए, ध्वनि -प्रदूषण का उन से बड़ा दुश्मन कोई और होगा? सोचिये, कितना मज़ा आएगा- चारों ओर मीठे ही मीठे वचन होंगे.
तो यह नया सिद्धांत आपको कैसा लगा?
आप क्या बनना चाहेंगे? सिविलियन या सिब्बलियन?
आदमी ने कमर कसी, और शहर के घंटाघर पर चढ़ कर घड़ी के कांटे पर लटक गया.
यह तो पता नहीं, कि उस दिन शहर में बारह बजे या नहीं, लेकिन आदमी के हौसले की सबने खूब तारीफ की.
हिंदी में कहावतों का भंडार है- जितने मुंह उतनी बात, किस-किस का मुंह पकड़ा जाय,लेकिन जिस तरह हिंदी में कहावतें बहुत हैं, उसी तरह हिंद में हौसले वाले भी बहुत हैं. ज़माने भर का मुंह पकड़ना तो इनके बाएं हाथ का खेल है.
कपिल सिब्बल चाहते हैं कि दुनिया सख्त अनुशासन में रहे. दुनिया के सात अरब लोग, उन्हें जो कुछ बोलना हो, पहले सिब्बल जी के कान में बोलें,और जब सिब्बल जी उनके वचनों को पास कर दें, तब वे किसी और से बोलें.
भला बताइए, ध्वनि -प्रदूषण का उन से बड़ा दुश्मन कोई और होगा? सोचिये, कितना मज़ा आएगा- चारों ओर मीठे ही मीठे वचन होंगे.
तो यह नया सिद्धांत आपको कैसा लगा?
आप क्या बनना चाहेंगे? सिविलियन या सिब्बलियन?
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