Monday, August 29, 2011

नजर,नक्षत्र,नसीब कौन से जहाँ की बातें हैं?

दर्ज़नों मवेशी हरे-भरे मैदान पर शांति से चर रहे थे.अचानक एक बाघ आ गया.भगदड़ मच गई.वह बाघ एक निरीह बेक़सूर बछड़े को उठा ले गया.सब देखते रह गए.बछड़े का नसीब.
दर्ज़नों लोग घर में सोये हुए थे.अचानक छत से एक पत्थर गिरा,और कोने में सोये एक बुज़ुर्ग पर आ लगा.उनके प्राण-पखेरू उड़ गए.उनके नक्षत्र ऐसे ही चल रहे थे.
बालक ने स्कूल के मंच पर इतना सुन्दर नृत्य किया, कि सब देखते रह गए.लेकिन घर आते ही वह बीमार हो गया.माँ कहती है कि उसे नज़र लग गई.
क्या आपके पास इन स्थितियों से बचने का कोई उपाय है? यदि है,तो उसे ज़ाहिर कीजिये.बताइये.

2 comments:

  1. क्या आपको चक्रवात आइरीन के कारण इस विषय पर लिखने की इच्छा हुई? मैं जब भी भारत से वापस आता हूँ, इस विषय पर लिखने का काफ़ी मन होता है। कुछ मुद्दे:
    * इसलाम में भविष्यवाचन पाप है लेकिन युद्ध के दिनों से ईराक़ में ज्योतिष का व्यवसाय खूब चल रहा है
    * मैं किसी व्यक्ति से मिलने दिल्ली आऊं, और आप भी उसी घर में आयें तो यह चमत्कार है, लेकिन अगर हम दोनों को एक दूसरे के कार्यक्रम की जानकारी हो तो यह योजना है।
    * नज़र वहाँ लगती है जहाँ चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा आदि विश्वसनीय नहीं होती।
    * बाडे की बाड काम करे, चरवाहे पर बन्दूक हो, अभयारण्य की चाहरदीवारी हो तो बछडा और बाघ कैसे मिलेंगे?
    * छत बनाने का कोई सुरक्षा मानक/ISO/ISI आदि हो तो नक्षत्र कैसे बिगडेंगे?
    * कितने बालक बेचारे पौष्टिक भोजन और स्वास्थ्य ज्ञान के बिना काल की "नज़रों" के शिकार होते हैं।
    नज़र लगने की बात पर मेरा दिल पिघलता है, बहुत कुछ् लिखना है, लेकिन टिप्पणी बॉक्स की अपनी सीमायें हैं।

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  2. mujhe aisa lag raha hai ki mera kaam aasaan ho gaya.yahi to main kahna chah raha tha.aur ab baat aap se aai to auron ke sath-sath khud mujhe bhi zyada vishwasneey lag rahi hai.aap ka anumaan sahi hai,main pichhale dinon amerika ke mausam par hi soch raha tha.yahan ke akhbaaron me vahan ki tasveeron ko dekh raha tha.

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