Saturday, August 13, 2011

लाल किले पे सदा तिरंगा लहर-लहर लहराए

लाल,नीला,केसरिया,हरा,सफ़ेद,
रंग ही रंग, उमंग ही उमंग,देश की स्वाधीनता का यह पर्व सबको शुभ हो 
उन्हें भी जिनकी पहली पसंद काला रंग ही है 

सखी री मोहे श्याम रंग ही भावै
किये कारनामे सब काले,काला धन ही आवै 
पब्लिक स्याम-पताका लेके ,रोज़ द्वार पे आवै
कलमाड़ी से करम देखके,मन गदगद हो जावै
'महासुशीला' काले धन से,कालजयी हो जावै
कौन भला कड़के नेता के नाम पे मोहर लगावै
वोट नगर में उजली टोपी,काली छवि बनावै
सखी री मोहे श्याम रंग ही भावै

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति .
    भारतीय स्वाधीनता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं .

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