जंतर-मंतर पे? नहीं-नहीं
अनिश्चित काल के लिए ? नहीं-नहीं
हज़ारों लोगों को लेकर ? नहीं भाई इतने नहीं
अरे भाई, तुम गाँधी के अनुयाई हो या 'गाँधी'के दुश्मन ?
यहाँ तुम्हारी मनमर्जी नहीं चलेगी,हमारे 'मन' की मर्ज़ी चलेगी
तुम हमें "खाना"छोड़ने की सलाह देने आये हो,या अपना खाना छोड़ने?
अच्छा,एक बात बताओ, ये सौ करोड़ लोग खेतों में, कारखानों में काम कर-कर के
इतना कमा रहे हैं, यदि हम 'खायेंगे' नहीं तो सड़ कर ही जायेगा न ?क्या होगा इसका ?
फिर?कौन ज़िम्मेदार होगा इस बर्बादी का ?अच्छे अन्ना,प्यारे अन्ना,जिद नहीं करते मान जाओ
अच्छा मत मानो ,पर अच्छा काम करने से पहले भगवान को तो याद करलो
राम का नाम लो, रामदेव को याद करो ,आये याद?
सुन्दर और सार्थक रचना ,बहुत खूबसूरत पोस्ट आभार
ReplyDeleteभारतीय स्वाधीनता दिवस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .
aapko bhi. swatantrata diwas ek khush hal zindagi sabhi ko dene ka marg desh ke karndharon ko sujhaye.
ReplyDeleteस्वाधीनता दिवस की बधाईयाँ.जागना जरुरी हैं.
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