शम्मीकपूर के जाने की खबर भी वैसी ही झूठी है, जैसी अन्ना के भ्रष्टाचारी होने की खबर,क्योंकि अन्ना भ्रष्ट नहीं हो सकते,शम्मीकपूर रजतपट पर इस तरह लिखे हैं कि ओझल नहीं हो सकते.हाँ,आज़ादी ज़रूर सच्ची है,क्योंकि
इसी की बदौलत कोई भी,कुछ भी,कह रहा है.
प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...
बहुत खूब कहा सर.
ReplyDelete--आजादी के मायने और असली आजादी. - http://goo.gl/Q8I6M
dhanywad.aap log in dono ka antar mitaiye.bhavishy aapka hai.
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