क्या आपने कभी किसी बड़े को किसी छोटे से कुछ सीखते हुए देखा है? ज़रूर देखा होगा, क्योंकि न तो सीखने की कोई उम्र होती है और न सिखाने की ।यह भी तो कहीं नहीं लिखा कि बड़े सब अच्छी बातें जानते हैं। फिर यह भी कहाँ लिखा है कि सब अच्छी बातें ही सीखना चाहते हैं। छोड़िये, इस चर्चा से भी क्या लाभ?
मुझे याद पड़ता है कि कुछ साल पहले ही वह ज़बरदस्त आंधी शुरू हुयी थी जिसे हम लोग ' ग्लोबलाइजेशन ' के नाम से पुकारते हैं।इस दौर में दुनियावी विपणन अर्थात मार्केटिंग के बड़े आक्रामक तरीके बाज़ार में आये। एक के साथ एक मुफ्त, यह लेने पर वह फ्री, आदि-आदि। लेकिन मार्केटिंग का एक तरीका, जहाँ तक मैं समझता हूँ खालिस भारतीय ही है। वह है - बारगेनिंग का तरीका। दुकानदार कहता है कि यह चीज़ बीस रुपये की है , हम कहते हैं कि नहीं, पंद्रह में देदो। वह कहता है कि अच्छा चलो, अठारह देदो। हम कहते हैं कि बस, सत्रह देंगे। वह मान जाता है , और हम यह सोचते हुए घर आते हैं कि हमें तीन रुपये का फायदा हो गया।वह यह सोचता हुआ अपना गल्ला समेटता है कि कल से इस चीज़ का दाम चौबीस रुपये बोलना पड़ेगा। भारतीय बाज़ारों में महंगाई के सिर्फ और सिर्फ बढ़ते जाने का एक कारण शायद यह भी हो।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बड़े बड़े अमेरिकी नगरों में अब कहीं कहीं व्यापार के इस तरीके की झलक भी दिखाई देने लगी है।भीड़ भरे पर्यटन स्थलों पर या महानगरीय इलाकों में आप ऐसा होते देख सकते हैं। पर जब ऐसा कहीं कुछ देखें तो कृपया यह मत सोचिये कि इस इलाके में अब भारतीय भी खूब रहने लगे हैं।
प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हम मेज़ लगाना सीख गए!
ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...
Lokpriy ...
-
जिस तरह कुछ समय बाद अपने रहने की जगह की साफ़ सफाई की जाती है, वैसे ही अब यह भी ज़रूरी हो गया है कि हम अपने समय के शब्दकोषों की सफाई करें. ब...
-
जयपुर के ज्योति विद्यापीठ महिला विश्व विद्यालय की प्रथम वाइस-चांसलर,देश की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक-शिक्षाविद प्रोफ़ेसर रेखा गोविल को "शिक्...
-
1. Abdul Bismillah 2. Abhimanyu Anat 3. Ajit Kumar 4. Alok Puranik 5. Amrit lal Vegad 6. Anjana Sandheer 7. Anurag Sharma"Smart ...
-
निसंदेह यदि कुत्ता सुस्त होगा तो लोमड़ी क्या,बिल्ली भी उस पर झपट्टा मार देगी। आलसी कुत्ते से चिड़िया भी नहीं डरती, लोमड़ी की तो बात ही क्या...
-
जब कोई किसी भी बात में सफल होता है तो उसकी कहानी उसकी "सक्सेज़ स्टोरी" के रूप में प्रचलित हो जाती है। लेकिन यदि कोई अपने मकसद...
-
"राही रैंकिंग -2015" हिंदी के 100 वर्तमान बड़े रचनाकार रैंक / नाम 1. मैत्रेयी पुष्पा 2. नरेंद्र कोहली 3. कृष्णा सोबती 4....
-
इस कशमकश से लगभग हर युवा कभी न कभी गुज़रता है कि वह अपने कैरियर के लिए निजी क्षेत्र को चुने, या सार्वजनिक। मतलब नौकरी प्राइवेट हो या सरकारी।...
-
कुछ लोग समझते हैं कि केवल सुन्दर,मनमोहक व सकारात्मक ही लिखा जाना चाहिए। नहीं-नहीं,साहित्य को इतना सजावटी बनाने से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं ह...
No comments:
Post a Comment