यदि कोई काम ठीक न हो रहा हो, तो इसे रास्ते पर लाने के दो तरीके हैं। एक तो यह, हम देखें,कि काम न कर पाने वाले को हटा कर उसकी जगह कोई दूसरा सक्षम विकल्प लायें। विकल्प ऐसा हो, जिसमें पहले व्यक्ति जैसी कमियां न हों। यहाँ यह भी याद रखना होगा कि त्रुटिहीन व्यक्ति दुनिया में अभी नहीं बना। अतः जो दूसरा व्यक्ति लाया जाएगा, उसमें कोई और कमी होगी।
तो क्या चीज़ें कभी ठीक न होंगी?
नहीं, यह बात हम कभी नहीं मानेंगे। चीज़ों को ठीक करने के लिए हमें लगातार प्रयत्न करना होगा। हम लोगों को बदलते रहेंगे, ताकि सब अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार हालात को बेहतर बना सकें। एक की कमी दूसरा सुधार दे, दूसरे की भूल तीसरा ठीक कर दे।
दूसरा तरीका यह है कि हम विकल्प की जगह संशोधन पर काम करें। एक व्यक्ति से हुई भूलें ठीक कर ली जाएँ, व्यक्तियों की जगह स्थितियों और तरीकों को बदला जाए।
यह दूसरा तरीका हम अतीत में "राजतंत्र" के रूप में देख चुके हैं। अतः अब विकल्पों पर सोचना अच्छा होगा।
तो क्या चीज़ें कभी ठीक न होंगी?
नहीं, यह बात हम कभी नहीं मानेंगे। चीज़ों को ठीक करने के लिए हमें लगातार प्रयत्न करना होगा। हम लोगों को बदलते रहेंगे, ताकि सब अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार हालात को बेहतर बना सकें। एक की कमी दूसरा सुधार दे, दूसरे की भूल तीसरा ठीक कर दे।
दूसरा तरीका यह है कि हम विकल्प की जगह संशोधन पर काम करें। एक व्यक्ति से हुई भूलें ठीक कर ली जाएँ, व्यक्तियों की जगह स्थितियों और तरीकों को बदला जाए।
यह दूसरा तरीका हम अतीत में "राजतंत्र" के रूप में देख चुके हैं। अतः अब विकल्पों पर सोचना अच्छा होगा।
Gahan vichar...
ReplyDeleteChijhen thik hui ya nhi ye humaare nazriye pr bhi nirbhar karta h aur sabka apna alag nazriya hota h.
shayad iska paimana jan-santosh hai.
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